राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फस के अधीन प्रदेशभर में बेशकीमती जमीनों से वक्फ बोर्ड को अब भी पूरा किराया नहीं मिल रहा है। प्रदेश के जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर सहित अन्य जगहों पर बोर्ड की सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं। बकायादारों और कब्जेधारियों के खिलाफ अब बोर्ड संपत्ति से बेदखली की कार्रवाई करने का मानस बना चुका हैं।
बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सना खान ने बताया कि प्रदेश के 26 जिलों में वक्फ की बेशकीमती जमीनों का किराया बोर्ड को नहीं मिल रहा है। जयपुर में एमआईरोड, दिल्ली रोड पर भूमाफियों का कब्जा था, इसे बड़ी मुश्किल से बोर्ड ने अपने हाथ में लिया है। किराया न मिलने की सूरत में अब डाटा तैयार करने के बाद संपत्ति से बेदखली की कार्रवाई की जाएगी। ताकि वक्फ की संपत्तियों को आजादी मिल सके। हाल ही राज्य सरकार ने वक्फ सम्पत्ति संरक्षण योजना के लिए पांच करोड़ रुपए, आधारभूत संरचना विकास कार्यों के लिए 34 करोड़ रुपए और जनसहभागिता के आधार पर आधारभूत संरचना विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया है। इससे वक्फ बोर्ड को मजबूती मिलेगी। जनसहभागिता आधारित संरचना विकास कार्यों में ऐसी वक्फ सम्पत्तियों का संरक्षण होगा, जहां 10 प्रतिशत जनसहभागिता हिस्सा राशि प्राप्त हो जाती है। योजना में वे सभी वक्फ संपत्तियों पात्र होंगी, जो राजस्व रिकॉर्ड या राजस्थान वक्फ बोर्ड में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज हैं तथा योजना के तहत नवीन धार्मिक संपत्तियों का निर्माण कार्य शामिल नहीं होगा।
वक्फ संपत्ति संरक्षण योजना में वक्फ भूमि या सार्वजनिक भूमि में बने कब्रिस्तान, मदरसों, विद्यालयों में चारदीवारी निर्माण जैसे विकास कार्य किए जाएंगे। इन विकास कार्यों के किए जाने से वक्फ भूमि और सार्वजनिक भूमि को विवाद अतिक्रमण से सुरक्षित रखा जा सकेगा। आधारभूत संरचना विकास कार्यों में राज्य में अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों में विकास कार्य करवाए जाएंगे। इन क्षेत्रों में पेयजल टंकी निर्माण, सडक़ निर्माण, नाली निर्माण विकास कार्य होने से अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय का समग्र विकास हो सकेगा। बस्तियों में जीवनयापन की स्थितियों को बेहतर बनाया जा सकेगा। अगले महीने से इसका काम जयपुर से शुरू होगा।