कार्तिक माह में गंगा के जलस्तर में 01 सेमी प्रतिघंटे की वृद्धि, तटवर्ती नागरिक बाढ़ की आशंका से चिंतित
गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी जारी है। कार्तिक माह में मोक्ष दायिनी गंगा में बढ़ाव को देख तटवर्ती क्षेत्र के नागरिकों को एक बार फिर बाढ़ की आशंका सताने लगी है। शनिवार सुबह भी गंगा के जलस्तर में बढ़ाव की गति तेज रही।
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 67.63 मीटर दर्ज किया गया। गंगा का स्तर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा में एक सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से वृद्धि हो रही है। पिछले 12 घंटे में लगभग 12 सेमी पानी बढ़ा है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से घाटों के सम्पर्क मार्ग पर पानी चढ़ गया है। दशाश्वमेध, प्राचीन शीतलाघाट, अस्सीघाट पर गंगा आरती के स्थान को भी बदला गया है।
गंगा का जलस्तर बढ़ता देख सुरक्षा कारणों से नौका संचालन पर रोक लगाया गया है। मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट के ऊपरी छत पर शवदाह हो रहा है। शवदाह के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। यहीं हाल हरिश्चंद्रघाट का है। गंगा का पानी श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के पास पहुंच चुका है। गंगा किनारे और ढाब क्षेत्र में भी लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। गंगा में बढ़ाव के चलते काशी आने वाले पर्यटक नौकायन और घाट किनारे के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने से वंचित हैं।
पर्यटन के सीजन में गंगा के बढ़ते जलस्तर से माझी और पंडा समाज भी बेहाल हैं। उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या मुंह बांये खड़ी हैं। घाट किनारे के गेस्ट हाउस और होटलों में भी असर पड़ा है। बताया जा रहा है कि मैदानी क्षेत्र में बारिश होने के बाद पहाड़ों पर भी बरसात हुई और पश्चिम से पानी छोडे़ जाने के बाद अब गंगा का जलस्तर वाराणसी में भी बढ़ने लगा है। वाराणसी के अलावा भदोही, मीरजापुर, चंदौली और गाजीपुर के साथ ही बलिया जिले में भी गंगा में लगातार जलस्तर में वृद्धि हो रही है।