पीएफआई के राजनीतिक फ्रंट एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) के सक्रिय सदस्य अहमद बेग नदवी को एसटीएफ ने शुक्रवार को दबोच लिया। उसे मदेयगंज के खदरा स्थित मक्कागंज के किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ ने आरोपी के पास से लैपटॉप, मोबाइल, डायरी, किताब, कंप्यूटर व अन्य सामग्री बरामद की है। जिसमें कई देश विरोधी वीडियो व संदेश मिले हैं। आरोप है कि अहमद अपने साथियों के साथ मिलकर देशद्रोह की साजिश रच रहा था। अहमद बेग पहले पीएफआई के सदस्य के अलावा आल इंडिया उलमा काउंसिल का अध्यक्ष भी रहा चुका है। टीम उसके बारे में और जानकारी जुटा रही है।
एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक सब इंस्पेक्टर की ओर से अहमद बेग के खिलाफ राष्ट्र द्रोह समेत कई धाराओं में मदेयगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। खदरा में अहमद बेग कई सालों से किराये पर रह रहा था। वह मूल रूप से श्रावस्ती के बसनपुर हरवंशपुर का रहने वाला है। उसके पिता सलीम बेग आते-जाते रहते हैं। अहमद बेग पीएफआई केराजनीतिक संगठन एसडीपीआई के कोर कमेटी का सदस्य है। वह प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में जाकर संगठन को मजबूत कर रहा था।
कैसरगंज से लड़ चुका है विधानसभा चुनाव
एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक अहमद ने हाल के आम चुनाव में कैसरगंज विधानसभा सीट पर चुनाव भी लड़ा था। उसके साथ युवाओं की लंबी टीम भी थी। हालांकि स्थानीय लोगों ने अहमद के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया। अहमद लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक कर चुका है। उसने अरबी भाषा में मास्टर की डिग्री हासिल की है। उसने इसके बाद नदवा के आलीम व फाजिल की पढ़ाई की। इसकेबाद नदवा में वह 2018 तक शिक्षा भी देता रहा।
ओमान में चलाता था कट्टरता की कक्षायें
एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक अहमद कई तरह की हिंसक गतिविधियों में शामिल रहता था। उसने एनआरसी-सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान भी उसने लोगों को भड़काया था। इसके साथ ही वह लव जिहाद, अपने धर्म के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और मनी लांड्रिंग के साथ ही कई प्रतिबंधित संगठनों से भी जुड़ा रहता था। वह ओमान में अक्सर कट्टरता की कक्षा चलाता था। साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल और केरल समेत कई प्रदेशों में भी तकरीर करने जाता था। एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक अहमद बेग वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी कट्टरता की कक्षायें चलाता था। वह दूसरे धर्मों पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी करता था। उस पर खाड़ी देशाें से पीएफआई व उससे जुड़े अन्य संगठनों के लिए फंड जुटाने का आरोप भी है।