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अपने ही शिष्य पर आरोप लगाकर खुदकुशी कर ली थी महंत नरेंद्र गिरि ने

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नरेंद्र गिरि मौत मामला

शहर की जानी मानी हस्ती मठ बाघंबरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर के महंत नरेंद्र गिरि ने लगभग एक साल पहले 20 सितंबर को फांसी लगाकर खुदकुशी की तो शहर ही नहीं पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। नरेंद्र गिरि ने अपने ही शिष्य आनंद गिरि पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था। सुसाइड नोट और जांच के आधार पर सीबीआई आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। तीनों अभी जेल में हैं।

महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मठ पहुंचे थे। उन्होंने जांच के लिए एसआईटी के गठन का निर्देश दिया था लेकिन साधु संतों ने एक स्वर से सीबीआई जांच की मांग की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की संस्तुति की और 25 सितंबर को सीबीआई टीम ने केस को अपने हाथ में ले लिया।

नरेंद्र गिरि मौत मामला
महंत नरेंद्र गिरि ने 11 पन्ने के सुसाइड नोट में बताया था कि उन्हें किस तरह उनका ही शिष्य आनंद गिरि ब्लैकमेल कर रहा है। उन्होंने लिखा ‘ आनंद ने कंप्यूटर के माध्यम से किसी लड़की या महिला के साथ आपत्तिजनक फोटो बना ली है। वह धमकी देता है कि वायरल कर देगा। अगर यह वायरल हो गया तो मैं किस-किस को जवाब दूंगा। सच्चाई तो बाद में पता चलेगी लेकिन मेरा नाम बदनाम हो जाएगा।’

Prayagraj News :  महंत नरेंद्र गिरि मौत मामला।
महंत ने सुसाइड नोट में 14 बार आनंद गिरि का नाम लिखा था। इसके अलावा उन्होंने आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी के बारे में लिखा कि ‘ आद्या और संदीप ने आनंद के साथ मिलकर मेरे साथ विश्वासघात किया। तीनों ने मिलकर एक ऑडियो और वीडियो भी जारी किया था, जिससे भी मेरी बदनामी हुई थी।’ महंत के सुसाइड नोट, तमाम लोगों के बयान और सुबूतों के आधार पर सीबीआई ने आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। तीनों अभी भी जेल में हैं।

Prayagraj News :  योग गुरु आनंद गिरि और महंत नरेंद्र गिरि। फाइल फोटो
नौ घंटे तक चली कवायद
प्रयागराज। सीबीआई टीम बृहस्पतिवार को करीब सवा ग्यारह बजे मठ में पहुंची और रात आठ बजे के बाद बाहर आई। करीब नौ घंटे तक कवायद चलती रही। इस दौरान महंत नरेंद्र गिरि के कमरे तक जाने की इजाजत बहुत कम लोगों को दी गई थी। मठ के सेवादार भी दूर से सीबीआई की कार्रवाई देखते रहे।

महंत नरेंद्र गिरि के सीलबंद कमरे का ताला सीबीआई ने खोला। कमरे से लगभग तीन करोड़, जेवरात, जमीन के कागजात समेत तमाम चीजें मिलीं, जिन्हें महंत बलवीर गिरि को सौंप दिया गया। – राजेश यादव, सीओ चतुर्थ

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