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नरेंद्र गिरि मौत मामला : महंत की मौत के पीछे शयन कक्ष में मिले नोटों से भरे बैग तो नहीं

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Narendra Giri Death Case: CBI takes over probe into Mahant Narendra Giri's  death | India News - Times of India

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे बाघंबरी गद्दी मठ के पीठाधीश्वर महंत नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे उनके शयन कक्ष में मिले नोटों से भरे बैग तो नहीं, इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। तीन करोड़ रुपये की गड्डियों से भरे दो बैग उस पलंग में बने दराज में पाए गए हैं, दिस पर महंत सोते थे। ये वो कक्ष है जिसे महंत की मौत के चार दिन दिन बाद सीबीआई ने पांच लोगों की मौजूदगी में सील किया था। ऐसे में चार दिन तक महंत के करीबियों की निगरानी में रहे उस कक्ष में कितने रुपये थे, यह गहरी जांच का विषय है।

महंत की मौत से एक दिन पहले ही मठ में हरिद्वार से बड़ी रकम लाए जाने की बात भी पुलिस अफसरों से लेकर मठ के पुजारी, सेवादारों तक से छिपी नहीं रही है। इन नोटों से महंत की मौत की कड़ियां इसलिए भी जुड़ती नजर आ रही हैं क्योंकि उनके कक्ष से लगे पीछे वाले हिस्से में स्थित विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय से होकर बाहर जाने वाले रास्ते तक को कवर करने वाले सारे कैमरे उस दिन खराब पाए गए थे।

 

Prayagraj News :  बाघंबरी गद्दी मठ में नरेंद्र गिरि के सील कमरे को खोला गया।
इसी कमरे से महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर 2021 को दिन के 11 बजे के बाद भोजन के लिए नीचे उचरे थे और आगंतुक कक्ष में किसी के इंतजार के लिए चले गए थे। उस दिन उनके कमरे से लेकर आगंतुक कक्ष और आसपास के परिसर के 15 से अधिक कैमरे बंद पाए गए थे। इन कैमरों का मॉनीटर कंट्रोल भी महंत के शयन कक्ष में ही था। बाघंबरी गद्दी मठ के आगंतुक कक्ष से लेकर महंत के शयन कक्ष के बीच की मौत की गुत्थी उलझ कर रह गई है।

महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में जांच करने के लिए सीबीआई टीम बाघंबरी मठ पहुंची।
कहा जा रहा है कि इस महंत की इस रहस्यमय मौत का राज उनके शयन कक्ष से मठ के पीछे लगे एचडी कैमरे भी हैं। उस दिन के मिले फुटेज के आधार पर अब तक सिर्फ इतना पता चला सका है कि महंत अपने करीबी सेवादार धनंजय के साथ अपने कक्ष की सीढ़ियों से उतरते देखे गए। आखिरी बार वह आगंतुक कक्ष की तरफ जाते देखे गए और उनके पीछे सीढ़ी उतरने वाला सेवादार मठ के पीछे हवन कुंड की तरफ जाना दिखाई दिया था।

बड़े महाराज के कक्ष में तीन करोड़ रुपये मिलने की बात सही नहीं है। इतनी बड़ी रकम मिलती तो मैं भंडारा करता। कक्ष में मिले जमीनों की रजिस्ट्री के कागज, वाहनों के कागजों के अलावा हिसाब की डायरी सीबीआई ने मुझे सुपुर्द किया है। अब मैं उसमें से अपने मतलब की चीजों का मिलान कर रहा हूं। एक साल बाद कक्ष खुलने से राहत मिल गई है। अब मैं उस कक्ष में शयन कर सकूंगा। – महंत बलवीर गिरि, पीठाधीश्वर, बाघंबरी गद्दी मठ

जिन चश्मदीदों की मौजूदगी में सील किया गया था महंत शयन कक्ष, उन्हें ताला खोलने की भनक तक नहीं
महंत नरेंद्र गिरि के शयन कक्ष की सील खोलते समय बृहस्पतिवार को चश्मदीदों को दूर रखा गया। सीबीआई ने महंत की मौत के चार दिन बाद जिन पांच लोगों की मौजूदगी में उनके शयन कक्ष को सील किया गया था, उनमें से दो अहम साक्षी बुलाए ही नहीं गए। आने वाले समय में इसे लेकर भी सवाल उठने से इंकार नहीं किया जा सकता।

महंत नरेंद्र गिरि के कक्ष की सघन जांच के बाद जिन सामानों की सीबीआई ने सूची बनाई थी, उनको पांच लोगों को मौजूदगी में सील किया गया था। इनमें दो सीबीआई के अफसरों के अलावा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी, बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि और बाघंबरी मठ के मौजूदा पीठाधीश्वर बलबीर गिरि के नाम शामिल हैं।

इन तीन संतों और दो सीबीआई अफसरों को मिलाकर पांच लोगों के हस्ताक्षर से उस कक्ष को सील किया गया था, लेकिन बृहस्पतिवार को कमरा खोलते समय बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी मौजूद नहीं थे। पता चला कि इन दोनों संतों को बुलाना तो दूर, इसकी खबर तक नहीं दी गई।

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