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सिंधी अध्ययन केंद्र में 101 सिंधी शिक्षिकों को किया गया सम्मानित

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101 सिंधी शिक्षिकों को सिंधी अध्ययन केंद्र में किया गया सम्मानित

मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में शिक्षक की बढ़ी है भूमिका: प्रो.अजयप्रताप

डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कँवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र में शिक्षक दिवस के अवसर 101 सिंधी शिक्षकों को अभिनंदन पत्र व उपहार देकर सम्मानित किया गया।साथ ही 4 शिक्षकों को उनकी दीर्घ कालीन सेवाओं के लिए प्रत्येक को ग्यारह सौ रुपये अभिनंदन पत्र,अंगवस्त्र तथा उपहार देकर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो.अजयप्रताप सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.नीलम पाठक निदेशक सिंधी प्रो.आरके सिंह व जेबी बाल सदन की प्रिंसिपल अंजलि ने संयुक्त रूप से सम्मानित किया।

प्रो.अजय प्रताप सिंह ने शिक्षकों को उनका सामर्थ्य स्मरण कराते हुए इस अवसर पर कहा कि बालक एक बार माता पिता का कहना मानने से इन्कार तो कर सकता है लेकिन शिक्षक की सीख उसके लिए पत्थर की लकीर होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक शिष्य को चाहे तो राष्ट्रभक्त बना दे चाहे तो राष्ट्रद्रोही। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य में शिक्षक भूमिका और भी बढ़ गई है।इस विषय को आगे बढ़ाते हुए प्रो.नीलम पाठक ने कहा कि गुरु कुम्हार शिष कुंभ है,गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट,अंदर हाथ सहार दै,बाहर मारै चोट।

सिंधी अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो.आर के सिंह ने सिंधी शिक्षकों से सिंधी भाषा के विकास में दूत बनकर कार्य करने की अपील की। जेबी बालसदन की प्रिंसिपल अंजलि ने फिश पुस्तक पढ़ने और तदनुसार शिक्षक का कर्तव्य निभाने की सलाह दी।

कार्यक्रम का संचालन अध्ययन केंद्र में सिंधी भाषा सलाहकार ज्ञानप्रकाश टेकचंदानी सरल ने किया।

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