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घोड़े खच्चर के संरक्षण और प्रबंधन के लिए हुई बैठक

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केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों एवं जनपद के आवारा पशुओं के साथ किसी भी प्रकार की पशु क्रूरता न हो, इसके उचित निवारण एवं संरक्षण के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में एनआईसी कक्ष में जिला स्तरीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर राज्य स्तर पर पशु क्रूरता समिति के सदस्य गौरी मौलिखी एवं संयुक्त निदेशक उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड डॉ आशुतोष जोशी वर्चुअल कार्यक्रम से मौजूद रहे।

बैठक में जिलाधिकारी ने पशु क्रूरता निवारण समिति के सदस्यों को अवगत कराया है कि केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े, खच्चरों के चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने एवं उनकी उचित देखभाल के लिए पशुपालन विभाग को निरंतर निर्देश दिए जा रहे हैं, इसके साथ यात्रा मार्ग में घायल हो रहे घोड़े.खच्चरों की उचित चिकित्सा सुविधा के लिए गौरीकुंड में पशु चिकित्सालय एवं डॉक्टरों के लिए आवास बनाए जाने के लिए भूमि उपलब्ध करा दी गई है।

साथ ही गौरीकुंड में घोड़े.खच्चरों के लिए शेड बनाए जाने की भी कार्य योजना तैयार की गई है। इसके अलावा सोनप्रयाग में भी घोड़े.खच्चरों के लिए शेड बनाए जाने के लिए भूमि चिन्हित करने के लिए पशु पालन विभाग को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े.खच्चरों के लिए गरम पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के लिए 10 स्थानों में गरम पानी की व्यवस्था की जाएगी जिसके लिए कार्यवाही गतिमान है तथा घोड़े.खच्चरों को अनिवार्य रूप से पानी पिलाने के लिए हर प्वाइंट पर दो.दो कार्मिकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े.खच्चरों के लिए बेहतर प्लान तैयार किया जाएगा तथा एक दिन में कितने घोड़े.खच्चर चलाए जाएंगे इसके लिए कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने जनपद में आवारा पशुओं के उचित व्यवस्था के लिए नगर पालिका को यथाशीघ्र गो सदन बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जनपद में संचालित हो रही मीट की दुकानों की भी नियमित निरीक्षण करते हुए बिना लाईसेंस के संचालित हो रही दुकानों पर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।इसके साथ ही घायल होने वाले पशुओं की उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गौरी मौलिखी ने जिलाधिकारी से कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े.खच्चरों के लिए उनकी सुरक्षा के लिए उचित प्रबंधन किया जाए तथा उनके साथ किसी भी प्रकार से क्रूरता न हो इस पर निरंतर निगरानी की जाए। उन्होंने घोड़े.खच्चरों के लिए गौरीकुंड एवं सोनप्रयाग में शेड तैयार करने को भी कहा है तथा यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े.खच्चरों का रजिस्ट्रेशन गुप्तकाशी में कराने के निर्देश दिए हैं ।तथा स्वास्थ्य परीक्षण एवं रजिस्ट्रेशन के दौरान जो घोड़ा.खच्चर अनफिट पाया जाता है उसका किसी भी दशा में यात्रा मार्ग में संचालन न किया जाए।इसके साथ ही उन्होंने यात्रियों के लिए घोड़े.खच्चरों का आनलाईन बुकिंग प्रक्रिया को भी शुरू करने को कहा तथा यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े.खच्चरों के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुए सभी स्थानों में समय से दवा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े.खच्चरों के साथ उनके मालिकों एवं संचालकों के साथ क्रूरता न की जाए।

आशा खबर / शिखा यादव

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