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कैट का दावा- कारोबारियों ने देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद किया

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कारोबारी संगठन कैट के लोगो का फाइल फोटो

देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक (एक बार उपयोग में आने वाले प्लास्टिक) पर प्रतिबंध 01 जुलाई, 2022 से लागू हो गया। इसके मद्देनजर देशभर के व्यापारियों ने समुचित विकल्पों के अभाव के बावजूद अपनी दुकानों पर प्लास्टिक के थैलियों की जगह पर कागज, जूट एवं कपड़े आदि के थैले और थैलियों में ग्राहकों को सामान देना शुरू किया है।

कारोबारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने जारी बयान में कहा कि देशभर के व्यापारियों तथा उनके कर्मचारियों ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का पालन की शुरुआत कर दी है। उन्होंने कहा कि कैट सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के आदेशों और नियमों का पालन करने और सिंगल यूज प्लास्टिक के किसी भी उपयोग को हतोत्साहित करने को लेकर एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है, जो 31 जुलाई, 2022 तक चलेगा।

खंडेलवाल ने बताया कि कैट के इस अभियान में देशभर के 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन जुड़ेंगे। ये संगठन अपने राज्य एवं शहरों में स्थित बाजारों में व्यापारियों के बीच इस अभियान को चलाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि कैट ने देशभर में व्यापारियों को सलाह दी है कि वो अपनी दुकानों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से बचें। इसके साथ ही कहा कि यदि कोई निर्माता अथवा सप्लायर उनको सिंगल यूज प्लास्टिक की पैकिंग में सामान देता है, तो व्यापारी ऐसे सामान का बहिष्कार कर उस सामान को लेने से मना करने के साथ ही ऐसी पैकिंग के बिना माल देने का आग्रह करें।

कैट महामंत्री ने बताया कि देशभर में सभी बड़े एवं छोटे निर्माताओं और उत्पादकों से आग्रह किया है कि वो कोई भी सामान सिंगल यूज प्लास्टिक पैकिंग में व्यापारियों को न दें। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक का पिछले कई दशकों में उपयोग में बहुत तेज़ी से बढ़ोत्तरी हुई है। खंडेलवाल ने कहा कि पर्याप्त विकल्पों के अभाव में एक दम से इसका उपयोग बंद होना मुश्किल है। व्यापारियों ने अन्य उपलब्ध विकल्पों में ही अपने ग्राहकों को सामान देने का निश्चय किया है।

खंडेलवाल ने कहा सिंगल यूज प्लास्टिक का व्यापार लगभग 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है। देशभर में इस कारोबार से हजारों मैन्युफैक्चरिंग यूनिट अब तक सिंगल यूज प्लास्टिक अथवा उससे बनाए जाने वाले सामानों का निर्माण कर रही थी। लेकिन, अब प्रतिबंध के चलते उन्हें यह काम बंद करना पड़ेगा। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा था। इस प्रतिबंध के बाद उन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसको देखते हुए उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि ऐसी सभी यूनिटों और लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि इन निर्माण इकाइयों और लोगों के सामने जीवन यापन का कोई संकट न आए। साथ ही ऐसी इकाइयां बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिए गए कर्ज को चुकाना जारी रख सकें।

उल्लेखनीय है कि प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक के किसी भी सामान के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लागू हो गया है। इसके तहत प्लास्टिक की छड़ियों के साथ ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, प्लास्टिक के कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, मिठाई बक्से, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के चारों ओर ट्रे, रैपिंग या पैकिंग फिल्म 100 माइक्रोन से कम, स्टिरर आदि पर प्रतिबंध लग गया है।

आशा खबर / उर्वशी विश्वकर्मा

 

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