स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के तत्वावधान में शुक्रवार को काशी कोतवाल बाबा कालभैरव की 69वीं वार्षिक रजत पंचबदन प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। चौखम्भा स्थित काठ की हवेली से गाजे बाजे के बीच फूलों से सुसज्जित रथ पर बाबा की स्वर्ण रजत प्रतिमा को विराजमान कराया गया ।
परम्परा निभाते हुए बसन्त सिंह और उनके परिजनो ने रथ को खीचा। रथयात्रा मेले के पहले दिन निकलने वाली इस शोभायात्रा में काशी कोतवाल के विग्रह रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। बाबा का रथ नगर के तीन थाना क्षेत्रों से होकर गुजरा। शोभायात्रा के आगे पुलिस घुड़सवार चलते रहे। उनके साथ ताशा बाजा के साथ भक्त ध्वजा पताका लहराते हुए चल रहे थे। 11 सुसज्जित छतरी युक्त घोड़ों पर देव प्रतिमाएं राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, शंकर, गणेश, नारद, ब्रह्मा के प्रतीक के साथ दो दरबान भी विराजमान रहे।
पूरे राह पाइप बैंड का भी आकर्षण दिखा। शोभायात्रा में भगवान शंकर पार्वती, राधा कृष्ण, दुर्गा जी, काली जी, हनुमान जी की भी आकर्षक झांकी रहेगी। इवेंट प्लानर की टीम नीरज सेठ के नेतृत्व में रास्ते भर कलाकार भजन प्रस्तुत करते चल रहे थे। शोभायात्रा देखने के लिए सड़क किनारे खड़े हजारों महिलाएंं और बच्चे बाबा के रथ पर लगातार पुष्प वर्षा करते रहे। शोभायात्रा आठ काठ की हवेली चौखंभा से प्रारंभ होकर बीवीहटिया, जतनबर, विशेश्वरगंज, महामृत्युंजय, दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, नारियल बाजार, गोविंदपुरा, ठठेरी बाजार, सोराकुआं, गोलघर, भुतही इमली होते हुए कालभैरव मंदिर पर जाकर सम्पन्न हुई। शोभायात्रा के आगे विशाल डमरू दल जहां डमरू बजा नृत्य कर रहा था।
वहीं, शंखध्वनि दल शंख बजाते हुए चल रहा था। शोभायात्रा के स्वागत के लिए जगह जगह तोरण द्वयार बना था। कुल चालीस स्थानों पर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के अध्यक्ष किशोर कुमार सेठ ने बताया कि बाबा की स्वर्ण रजत प्रतिमा मंदिर में प्रतिस्थापित कर भव्य श्रृंगार व पूजन किया जाएगा। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में सांयकाल बसंत पूजा होगी। देर शाम 11 बजे महाआरती के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।
शोभायात्रा में पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास, महापौर मृदुला जायसवाल, शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, पूर्व विधायक श्यामदेव राय चौधरी दादा की भी कुछ दूर तक मौजूदगी रही। इसमें स्वर्णकार समाज के कृष्ण कुमार सेठ, सत्यनारायण सेठ, कैलाश सिंह विकास, जितेन्द्र सेठ,रविशंकर सिंह,दयाशंकर ,गणेश सेठ,कमलेश चन्द्र वर्मा,रवि सर्राफ,मुरलीधर सेठ,अजय सेठ आदि भी शामिल रहे।