प्रसार भारती दुनियाभर में सबसे विस्तृत दर्शकों और श्रोताओं वाली लोक प्रसारक सेवा है। प्रसार भारती के दोनों प्रमुख आयामों- दूरदर्शन और आकाशवाणी की लोकप्रियता को सोशल मीडिया के माध्यम से विस्तार देने के लिए मई, 2019 में उसने बाकायदा एक डिजीटल विंग का गठन किया था। प्रसार भारती न्यूज सर्विस यानी पीबीएनएस एंड डीपी (डिजीटल प्लेटफॉर्म) ने हाल ही में अपने 1000 दिन पूरे किए।
पीबीएनएस एंड डीपी के प्रमुख समीर कुमार पिछले तीन साल के कार्यकाल को बहुत सकारात्मक और उपलब्धियों से भरा हुआ बताते हैं। आइआइटी और आइआइएम से पढ़ाई कर विदेश में टॉप बैंकिंग कंपनियों में कार्यरत रहे समीर कुमार कहते हैं कि ट्वीटर, यू-टयूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और टेलीग्राम के व्यापक और अत्यंत प्रभावी मंचों के जरिए दूरदर्शन और आकाशवाणी की सूचनाओं और समाचारों को पहुंचाने का लक्ष्य लेकर हम काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोविड-19 के कालखंड में डिजीटल प्लेटफॉर्म्स का महत्व और तेजी से उभरकर सामने आया। हमने सोशल मीडिया के सभी मंचों के माध्यम से सही सूचना पहुंचाने और लोगों को कोरोना से लड़ने के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया। दूरदर्शन और आकाशवाणी पर देशभर को स्वास्थ्य विशेषज्ञ, चिकित्सक जो विचार रख रहे थे, बचाव के जो उपाय बता रहे थे, भ्रम दूर कर रहे थे, पीबीएनएस उन्हें सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बेहतर तरीके से बार-बार प्रचारित कर रहा था।
समीर कुमार कहते हैं कि बदलते दौर में अब लोग कार, बस, ट्रेन या मेट्रो आदि में चलते-फिरते देश-दुनिया से जुड़ते हैं या मनोरंजन करते हैं। सोशल मीडिया का सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह वैश्विक है। भारतीय समाज विश्वभर में फैला हुआ है। भारतवंशियों को भारत और भारतीयता से जुड़ी सामग्री आसानी से मिले और युवा पीढ़ी की आवश्यकता भी पूरी हो, हम इस दृष्टिकोण से आगे बढ़ रहे हैं। पीबीएनएस के गठन के बाद दूरदर्शन के यू-ट्यूब चैनल से 2 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर जुड़े, डीडी नेशनल के ट्वीटर हैंडल पर भी यह संख्या 7 लाख से बढ़कर 50 लाख के पार निकल गई है, पीबीएनएस के ट्वीटर पर भी डेढ़ लाख से अधिक लोग जुड़ गए हैं। टेलीग्राम में तो पीबीएनएस सबसे प्रभावी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
समीर कुमार का कहना है कि डिजीटल माध्यम का एक जन्मजात दोष है कि इस मंच पर सही सूचना के अभाव में गलत सूचनाएं तेज से फैलती हैं, जिसे वायरल होना कहते हैं। ऐसे में हमारा संकल्प है कि लोगों तक शत-प्रतिशत सच और गुणवत्तापरक सूचना पहुंचे। एक प्रकार से फेक न्यूज से लड़ना और सही और गलत के बीच पैदा हुए खालीपन (वैक्यूम) को भरना हमारी प्राथमिकता है।
समीर कुमार का कहना है ‘ हमारे प्रधानमंत्री हमेशा से ही आर्थिक प्रबंधन और राजस्व जागरूकता पर जोर देते रहे हैं। हमने उस सीख को ध्यान में रखते हुए ही पहले दिन से योजनाएं बनाईं और क्रियान्वित कीं। हमें इस बात की खुशी है कि पहले साल में हमें 80 लाख रुपए का बजट दिया गया था और हमने 2 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया। हमारी लोकप्रियता का आधार आकाशवाणी और दूरदर्शन के द्वारा लंबे कालखंड तक बनाए रखी गई प्रतिष्ठा और उससे अर्जित लोकप्रियता ही है।’