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रेलवे ठेकेदार की हत्या में नया मोड़, पहली पत्नी को लेकर सामने आया चौंकाने वाला सच, पुलिस भी हैरान

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Virendra Thakur Murder

रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर (42) की शनिवार को की गई हत्या के मामले में पुलिस ने दूसरी पत्नी खुशबुन तारा की तहरीर पर पहली पत्नी प्रियंका, उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल व रेलवे ठेकेदार फिरदौस के अलावा चार शूटरों पर हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस की तीन टीमें बिहार, शाहजहांपुर व लखनऊ में दबिश दे रही हैं। पहली पत्नी प्रियंका अपने बिहार स्थित घर से फरार हो गई। पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। वहीं वीरेंद्र के मोबाइल की कॉल डिटेल से भी कई साक्ष्य पुलिस के हाथ लगे हैं। पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। वहीं फरार सुरक्षा गार्डों के बारे में भी सुराग मिल गया है। उनकी तलाश तेज हो गई है। कैंट के निलमथा इलाके में शनिवार को दिनदहाड़े रेलवे ठेकेदार व बिहार के शिकारपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख ठाकुर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी के मुताबिक, वीरेंद्र ठाकुर की दूसरी पत्नी खुशबुन तारा ने शनिवार देर रात तहरीर दी जिसमें वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल और रेलवे ठेकेदार फिरदौस को नामजद आरोपी बनाया गया है

इसके अलावा चार अज्ञात शूटरों पर भी केस दर्ज कराया है। पुलिस के मुताबिक, प्रियंका और बिट्टू जायसवाल नरकटियागंज के रहने वाले हैं। वहीं फिरदौस खजुरिया बरवा का रहने वाला है।

केस दर्ज होने के साथ ही पुलिस टीम बिहार के नरकटियागंज के लिए रवाना हो गई। वहां रविवार को प्रियंका के घर पर दबिश दी गई लेकिन वह नहीं मिली। बिट्टू का भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

पुलिस के मुताबिक, फिरदौस की वीरेंद्र ठाकुर से पुरानी रंजिश थी। उसने रेलवे ठेके को लेकर 2019 में भी हमला कराया था। उसकी तलाश की जा रही है। लखनऊ में जीआरपी व गुडंबा थाने में उसके खिलाफ चार-पांच केस दर्ज हैं।

2014 में हत्या के बाद शुरू हुई वर्चस्व की जंग
बिहार के नरकटियागंज में वर्ष 2014 में शम्भूराम की वर्चस्व में हत्या कर दी गई थी। इसमें वीरेंद्र को ही मुख्य आरोपित बनाया गया था। इस हत्या के बाद वीरेंद्र का दबदबा बढ़ गया था। उसे वहां सब गोरख ठाकुर नाम से जानते थे।

इस घटना के बाद उसकी जब कई लोगों से रंजिश बढ़ी तो उसने लखनऊ में ठिकाना बना लिया था। फिर यहां रहकर वह बिहार और पश्चिम बंगाल के ठेके हथियाने लगा था। बेतिया में एक करोड़ 29 लाख रुपये के ठेके के विवाद में ही लखनऊ में उस पर फायरिंग की गई थी।

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