मामले के अनुसार एक मई 22 को साढ़े तीन बजे दिन में एसएचओ सैय्यदराजा, उदय प्रताप सिंह ने पुलिस टीम के साथ मनराजपुर गांव के कन्हैया यादव के घर पर दबिश दी। कन्हैया के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। एडीएम चंदौली ने छह फरवरी 22 को उसे गुंडा घोषित किया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छात्रा की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। आरोप है कि चंदौली के सैय्यदराजा थाना पुलिस द्वारा गुंडा एक्ट की कार्रवाई के तहत अभियुक्त के घर पर दबिश दी गई। इस दौरान पुलिस ने पूरे परिवार को पीटा, जिससे छात्रा निशा यादव की मौत हो गई। याचिका की सुनवाई 29 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने विजय यादव उर्फ रणविजय यादव व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले के अनुसार एक मई 22 को साढ़े तीन बजे दिन में एसएचओ सैय्यदराजा, उदय प्रताप सिंह ने पुलिस टीम के साथ मनराजपुर गांव के कन्हैया यादव के घर पर दबिश दी। कन्हैया के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। एडीएम चंदौली ने छह फरवरी 22 को उसे गुंडा घोषित किया था।
सरकार ने पुलिस के खिलाफ केस की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी। तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया, किंतु मृत्यु का कारण नहीं पता चला। मृतका के शरीर पर चोटें व गले में आधे फंदे के निशान के फोटोग्राफ सहित अन्य सबूतों के आधार पर पुलिस पर हत्या करने का परिवार ने आरोप लगाया है। याची का कहना है कि मामले की जांच हाईकोर्ट के जज, एसआईटी या सीबीआई से कराई जाए। साथ ही मृतका के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की भी मांग की गई है।