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सावधान: मोबाइल कर रहा है बीमार, आपके पेट में फैल रही है ये बीमारी..!

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मोबाइल फोन, टैबलेट, कंम्यूटर, ईयरफोन और स्मार्ट वॉच जैसे गैजेट हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। रोजमर्रा के कामों को निपटाने के लिए न सिर्फ ये जरूरी हैं, बल्कि हमारे स्टाइल का हिस्सा भी बन गए हैं। मोबाइल फोन को हम हर जगह साथ रखते हैं, फिर चाहे वो खाने की टेबल हो या बिस्तर। कई लोग तो बाथरूम में भी फोन और टैबलेट साथ लेकर जाते हैं।

इन गैजेट्स पर कई ऐसे बैक्टीरिया पाए गए हैं, जो बीमारी का कारण बनते हैं। फोन के मैकेनिज्म के कारण हमेशा हीट निकलती रहती है, इसलिए यह गैजेट बैक्टीरिया की पसंदीदा जगह हैं।

विशेषज्ञों ने बताया कि स्क्रीन पर बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और प्रोटोजोआ पनपते हैं। इनकी वजह से डायरिया, फूड पॉइजनिंग, सांस की बीमारी और त्वचा में संक्रमण हो सकता है। लोग अपनी फिटनेस को ट्रैक करने के लिए स्मार्ट वॉच पहनते हैं, लेकिन इसके बैंड और स्क्रीन पर भी कई बैक्टीरिया (जैसे स्टैफिलोकोकस, स्यूडोमोनस, एस्चेरिचिया, ई-कोलाई पाए जाते हैं) जो त्वचा संक्रमण, टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम, रक्त, फेफड़ों में निमोनिया या शरीर के अन्य अंगों में संक्रमण और दस्त का कारण बनते हैं।

कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, ये बैक्टीरिया कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। लगातार कई घंटों तक ईयरफोन या ईयरपॅाड का इस्तेमाल करने से कान का तापमान और नमी बढ़ जाती है, जिससे कान में भी संक्रमण हो सकता है।

ज्यादातर मामलों में स्मार्टफोन की सतह पर स्टैफिलोकोकस ऑरियस जीवाणु पाया जाता है। इसे आमतौर पर स्टैफ के नाम से जाना जाता है। इसकी वजह से त्वचा में संक्रमण हो सकता है। यही नहीं, जब आप इस बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं तो इससे फूड पॉइजनिंग भी हो सकती है। इसलिए अगर खाते समय गैजेट का इस्तेमाल करते हैं तो इसे तुरंत बंद कर दें। यह बैक्टीरिया गैजेट से बहुत आसानी से आपके हाथों, फिर चेहरे और मुंह तक पहुंच सकता है।

पेट, त्वचा और यूटीआई तक का खतरा

एस्चेरिचिया कोलाई या ई-कोलाई भी गंभीर संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया होते हैं। इसके कुछ वैरिएंट गंभीर दस्त, मूत्र मार्ग संक्रमण (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) और गुर्दे के रोग का कारण बन सकते हैं।

स्ट्रेप्टोकोकस पायोजेन्स बैक्टीरिया गले से लेकर स्किन इंफेक्शन तक कई प्रकार के संक्रमण का कारण बन सकता है। यह मोबाइल फोन सहित कई सतहों पर लंबे समय तक जीवित रह सकता है, जिससे इसके फैलने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। स्यूडोमोनस ऐरुगिनोसा बैक्टीरिया से श्वसन संक्रमण, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और रक्त संक्रमण भी हो सकता है।

Many bacteria that live on our phones causes infection many harmful bugs thrive on the display screens

फोन की करतें रहें साफ-सफाई

एक शोध के अनुसार, 26 मोबाइल फोन पर 11,163 माइक्रो जीव मिले, जो खतरनाक बीमारियों का कारण बनते। इसलिए अपने गैजेट की स्क्रीन और बैक कवर को माइक्रोफाइबर कपड़े या अल्कोहल वाइप्स से नियमित तौर पर साफ करें। बाथरूम या अन्य गंदे वातारवरण में फोन का इस्तेमाल करने से बचें। नियमित तौर पर साबुन और पानी से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

मोबाइल का उपयोग करने के बाद चेहरे, नाक, आंख या मुंह को छूने से बचें। अपना फोन किसी के साथ शेयर करने से बचें। बहुत पसीना आता है तो रोजाना गैजेट की सफाई करें। ईयरफोन का इस्तेमाल लगातार एक घंटे से अधिक न करें।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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