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ग्रामीण इलाकों में बढ़ रही मांगः दास

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दास ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान चालू खाते का घाटा 1 प्रतिशत से कम रह सकता है।

 

ग्रामीण मांग में सुधार, सरकार का व्यय और सेवा निर्यात बढ़ने के कारण आर्थिक गति जारी रहने को लेकर भरोसा जताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि अनुमान के मुताबिक 7.3 प्रतिशत रहेगी।

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई दर नीचे आ रही है, लेकिन खाद्य कीमतों में अस्थिरता के कारण महंगाई दर कम करने का अंतिम प्रयास चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में नीतिगत रुख को लेकर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। दास ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान चालू खाते का घाटा 1 प्रतिशत से कम रह सकता है।

ईटी नाऊ के एक कार्यक्रम में दास ने कहा, ‘हम आर्थिक गतिविधियों में मजबूत गति देख रहे हैं। और इस साल की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में भी इसी तरह की मजबूत रफ्तार जारी है। इसे देखते हुए हम काफी आशावादी हैं। हम आशान्वित हैं कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हमने 7.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था, वह मूर्त रूप लेगी। ऐसा कोई कारण नहीं है कि इसकी रफ्तार धीमी हो जाए।’

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वृद्धि का अनुमान पहले के 7 प्रतिशत अनुमान से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। पहली तिमाही में 7.3 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। जबकि इसके पहले इन तिमाहियों में क्रमशः 7.1 प्रतिशत, 6.9 प्रतिशत, 7 प्रतिशत और 7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।

उन्होंने कहा ग्रामीण मांग, खासकर खपत में अब सुधार के साफ संकेत मिल रहे हैं। दास ने कहा, ‘ग्रामीण इलाकों में एफएमसीजी की बिक्री बढ़ी है और मनरेगा में काम की मांग कम हुई है। कृषि क्षेत्र का परिदृश्य भी आशावादी है क्योंकि इस साल दक्षिण पश्चिम मॉनसून की बारिश सामान्य से अधिक रहने का अनुमान लगाया गया है।’

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