निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 2 फीसदी गिरा जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करने में कामयाब रहा।
काफी उतारचढ़ाव के बीच बेंचमार्क निफ्टी ने मई की समाप्ति 0.3 फीसदी की गिरावट के साथ की और इस तरह से पिछले तीन माह हो रही बढ़ोतरी का सिलसिला थम गया। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 2 फीसदी गिरा जबकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करने में कामयाब रहा।
सेंसेक्स 0.7 फीसदी के नुकसान के साथ बंद हुआ। हालांकि माह के दौरान सभी प्रमुख सूचकांक नई ऊंचाई पर पहुंचे और भारत का बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचा दिया। चुनाव को लेकर अनिश्चितता और अमेरिकी ब्याज दर कटौती के परिदृश्य पर अनिश्चितता से इंडिया बीआईएक्स इंडेक्स 80 फीसदी की बढ़त के साथ दो साल के उच्चस्तर 24.6 पर पहुंच गया।
माह के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने करीब 27,526 करोड़ रुपये की निकासी की, जो जनवरी 2023 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है। हालांकि देसी संस्थागत निवेशकों की तरफ से 53,619 करोड़ रुपये की खरीदारी से इसकी भरपाई हो गई। यह लगातार 10वां महीना है जब देसी संस्थागत निवेशकों का निवेश सकारात्मक रहा।
अगस्त के बाद से उन्होंने देसी शेयरों में 3 लाख करोड़ रुपये झोंके हैं, जिसमें से 2 लाख करोड़ रुपये इस कैलेंडर वर्ष में आए हैं। धातु, रियल्टी और वाहन शेयरों ने मई में उम्दा प्रदर्शन किया, वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, आईटी और तेल व गैस कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा।