रिपोर्ट के अनुसार भारत की आर्थिक ताकत का तेजी से विस्तार होगा। 2040 के मध्य तक ब्रिक्स देश जी-7 की नॉमिनल जीडीपी से आगे निकल जाएंगे।
इकॉनमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के वैश्विक परिदृश्य रिपोर्ट में भारत के 2024-28 के दौरान सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का अनुमान जताया गया है। भारत की वृद्धि चीन से अधिक होने का आकलन है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत की आर्थिक ताकत का तेजी से विस्तार होगा। 2040 के मध्य तक ब्रिक्स देश जी-7 की नॉमिनल जीडीपी से आगे निकल जाएंगे। ईआईयू ने 2024 के वास्तविक जीडीपी वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 2.5 प्रतिशत कर दिया है जबकि यह पहले 2.4 प्रतिशत था।
ईआईयू की वैश्विक परिदृश्य रिपोर्ट के अनुसार ‘वर्ष 2023 से वृद्धि धीमी पड़ने की बजाये कोई बदलाव नहीं होगा। यह वृद्धि उच्च ब्याज दरों और भूराजनीतिक जोखिमों से निपटने के लिए अप्रत्याशित रूप से मजबूत सिद्ध हो रही है।’
ईआईयू ने अगले पांच वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का आकलन किया है। बहरहाल, विश्व अर्थव्यवस्था की विकास की संभावनाएं बिखराव और क्षेत्रीयकरण के कारण कम हो गई हैं।
ईआईयू की रिपोर्ट के अनुसार, ‘औद्योगिक नीति की वापसी के तहत प्रतिबंध और नए पहलों के लिए उपबंध हैं और यह कंपनियों पर अपर्याप्त आपूर्ति श्रृंखला को अपनाने के लिए दबाव डालेगी। इससे कंपनियों पर रणनीतिक क्षेत्रों में कारोबारी दबाव बढ़ेगा और इससे वैश्विक मार्केट प्लेस में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा।’
वित्त मंत्रालय ने अप्रैल की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि वित्त वर्ष 24 में बाजार के अनुमान से भी मजबूत वृद्धि हुई। शुरुआती संकेतक सुझाव देते हैं कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में भी आर्थिक गति कायम रहेगी।
एसऐंडपी की ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस की अक्टूबर 2023 की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इस क्रम में भारत की अर्थव्यवस्था जर्मनी और जापान से आगे निकल जाएगी।
भारत की अर्थव्यवस्था को युवा जनसांख्यिकीय और तेजी से बढ़ती शहरी आमदनी से मजबूती मिलेगी।
इकॉनमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट के वैश्विक परिदृश्य रिपोर्ट में भारत के 2024-28 के दौरान सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने का अनुमान जताया गया है। भारत की वृद्धि चीन से अधिक होने का आकलन है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत की आर्थिक ताकत का तेजी से विस्तार होगा। 2040 के मध्य तक ब्रिक्स देश जी-7 की नॉमिनल जीडीपी से आगे निकल जाएंगे। ईआईयू ने 2024 के वास्तविक जीडीपी वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 2.5 प्रतिशत कर दिया है जबकि यह पहले 2.4 प्रतिशत था।
ईआईयू की वैश्विक परिदृश्य रिपोर्ट के अनुसार ‘वर्ष 2023 से वृद्धि धीमी पड़ने की बजाये कोई बदलाव नहीं होगा। यह वृद्धि उच्च ब्याज दरों और भूराजनीतिक जोखिमों से निपटने के लिए अप्रत्याशित रूप से मजबूत सिद्ध हो रही है।’
ईआईयू ने अगले पांच वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का आकलन किया है। बहरहाल, विश्व अर्थव्यवस्था की विकास की संभावनाएं बिखराव और क्षेत्रीयकरण के कारण कम हो गई हैं।
ईआईयू की रिपोर्ट के अनुसार, ‘औद्योगिक नीति की वापसी के तहत प्रतिबंध और नए पहलों के लिए उपबंध हैं और यह कंपनियों पर अपर्याप्त आपूर्ति श्रृंखला को अपनाने के लिए दबाव डालेगी। इससे कंपनियों पर रणनीतिक क्षेत्रों में कारोबारी दबाव बढ़ेगा और इससे वैश्विक मार्केट प्लेस में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा।’
वित्त मंत्रालय ने अप्रैल की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि वित्त वर्ष 24 में बाजार के अनुमान से भी मजबूत वृद्धि हुई। शुरुआती संकेतक सुझाव देते हैं कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में भी आर्थिक गति कायम रहेगी।
एसऐंडपी की ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस की अक्टूबर 2023 की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इस क्रम में भारत की अर्थव्यवस्था जर्मनी और जापान से आगे निकल जाएगी।
भारत की अर्थव्यवस्था को युवा जनसांख्यिकीय और तेजी से बढ़ती शहरी आमदनी से मजबूती मिलेगी।