डाॅ. निषाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में 625 हेक्टेयर नए तालाबों का निर्माण, 24 मत्स्य बीज हैचरी, 120 हेक्टेयर रियरिंग इकाई, 620 इन्सुलेटेड वाहन, 25 जिंदा मछली विक्रय केन्द्र एवं 186 बायोफ्लाक जैसी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं स्थापित होने से रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
मत्स्य विभाग मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए कई योजनाओं को शुरू कर रहा है और इससे रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रधानमंत्री संपदा योजना के अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं में आवेदन आमंत्रित करने को 1 से 15 जुलाई तक पोर्टल खोला जाएगा। उक्त जानकारी मत्स्य विभाग मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने बुधवार को अपने विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर मीडियाकर्मियों को दी।
डाॅ. निषाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ष 2022-23 में शेष परियोजनाओं को पूरा करने के साथ साथ नए प्रस्ताव भी जनपदों से आमंत्रित करते हुए प्रदेश की वृहद कार्ययोजना तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित की जाएगी। सीएम द्वारा 2 नई योजनाएं मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना और निषादराज बोट योजना के माध्यम से ग्राम समाज के तालाबों के पट्टेधारकों एवं मछुआरों के लिए सौगात दी गई है।
इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभिक स्तर पर 4 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। डाॅ. निषाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में 625 हेक्टेयर नए तालाबों का निर्माण, 24 मत्स्य बीज हैचरी, 120 हेक्टेयर रियरिंग इकाई, 620 इन्सुलेटेड वाहन, 25 जिंदा मछली विक्रय केन्द्र एवं 186 बायोफ्लाक जैसी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं स्थापित होने से रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।