केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हर भारतवासी ऋणी है।
शाह ने ट्वीट कर कहा,डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का जीवन राष्ट्र एकता,सांस्कृतिक समर्पण, शिक्षा व विकास के नवीन विचारों का अद्भुत संगम था। बंगाल की रक्षा हेतु संघर्ष व कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हर भारतवासी ऋणी है।
उन्होंने कहा , डॉ. मुखर्जी जी की विद्वता और ज्ञान सम्पदा का लोहा उनके राजनीतिक विरोधी भी मानते थे। वो जानते थे कि उस समय की सरकार जिन विचारों और नीतियों पर चल रही थी उससे देश की समस्याओं का निराकरण सम्भव नहीं होगा। इसलिए उन्होंने राष्ट्रहित में सत्ता सुख को त्याग लंबे संघर्ष का जटिल मार्ग चुना।
गृह मंत्री ने कहा,डॉ.मुखर्जी का मानना था कि एक राष्ट्र का उज्ज्वल भविष्य उसकी अपनी मूल संस्कृति और चिंतन की मजबूत नींव पर ही संभव है। इसीलिए उन्होंने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण व वैकल्पिक राजनीतिक सोच देश के सामने रखी। उनके वही विचार आज देश को हर क्षेत्र में आगे ले जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मुखर्जी का 23 जून 1953 को संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया था।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल