सीतापुर सीट से छात्र, किसान, व्यापारी व पूर्व विधायक तक की सांसद बनने की चाहत है। सीतापुर के रण में आठ धुरंधर उतरे हैं। अब शह और मात का खेल रफ्तार पकड़ने लगा।
नाम वापसी के बाद चुनावी रण की तस्वीर साफ हो गई है। सीतापुर संसदीय सीट पर आठ धुरंधर मैदान में हैं। शह और मात का खेल रफ्तार पकड़ने लगा है। यहां व्यापारी से लेकर छात्र, किसान और पूर्व विधायक तक अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
बहरहाल, मतदाताओं का भरोसा जीतकर संसद तक का सफर कौन तय करेगा, यह तो चार जून को नतीजे के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल, संसद तक का सफर तय करने के लिए सभी प्रत्याशी खूब जोर लगा रहे हैं।
सीतापुर लोकसभा क्षेत्र में 13 मई को मतदान होगा। यहां 18 अप्रैल को नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई थी। सांसद बनने की चाहत में 17 ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। जांच में खामियां मिलने पर नौ नामांकन रद्द कर दिए गए। आठ नामांकन वैध मिले हैं। नाम वापसी और प्रतीक चिह्न आवंटन के लिए 29 अप्रैल की तारीख मुकर्रर थी।
किसी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया है। लिहाजा, अब आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। वर्तमान सांसद व भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा ने शपथ पत्र में खुद को संसद सदस्य के साथ व्यापारी व किसान दर्शाया है। बसपा प्रत्याशी महेंद्र यादव 2017 में बिसवां विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा कृषि क्षेत्र से जुड़ा होना दर्शाया है।
सीतापुर सीट पर भले आठ प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, पर यहां त्रिकोणीय मुकाबले की जमीन तैयार हो रही है। भाजपा के राजेश वर्मा और गठबंधन (कांग्रेस-सपा) प्रत्याशी राकेश राठौर के साथ बसपा के महेंद्र यादव चुनावी समर को त्रिकोणीय बनाए हुए हैं।
कुल मतदाता : 17,47,932
पुरुष मतदाता : 9,29,765
महिला मतदाता : 8,18,167