अमेरिका ने एक बार फिर चीन को कड़ा संदेश दे दिया है। दक्षिण चीन सागर में चीन की चालबाजियों का जवाब देने के लिए अमेरिका तैयार है। रष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ कहा है कि अमेरिका फिलीपींस की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
America Pledged To Defend Philippines: दक्षिण चीन सागर में चीन का दादागिरी से दुनिया वाकिफ है। चीन अक्सर इस इलाके में फिलीपींस और अन्य देशों के लिए परेशानी खड़ी करने का कोई मौका नहीं छोड़ता है। साउथ चाइना सी के 90 प्रतिशत से अधिक इलाके पर चीन अपना दावा करता है। ड्रैगन ने इस क्षेत्र में कई कृत्रिम द्वीपों का निर्माण भी किया है साथ ही सैन्य ठिकाने भी बनाए हैं। चीन की तरफ से अपनाए जा रहे इस तरह के आक्रामक रवैये से क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है। हाल के दिनों में चीन ने इस इलाके में फिलीपींस की नौकाओं को निशाना बनाया है।
फिलीपींस की रक्षा करेगा अमेरिका
अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों का हमेशा से विरोध करता रहा है। अब एक बार फिर अमेरिका ने अपना रुख साफ कर दिया है। एएफपी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दक्षिण चीन सागर में किसी भी हमले से फिलीपींस की रक्षा करने का वादा किया है। बीजिंग के साथ बढ़ते तनाव के बीच टोक्यो और मनीला के साथ संयुक्त शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हुए राष्ट्रपति बाइडन ने यह बात कही है।
दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन्स, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया साथ आ गए हैं और उन्होंने इस समुद्री इलाके में नौसैनिक और समुद्री अभ्यास किया है। अमेरिका के नेतृत्व में चार देशों का यह सैन्य अभ्यास फिलीपींस के रणनीतिक समुद्री इलाके में किया जा रहा है जिसमें नौसैनिक युद्धपोत और फाइटर जेट शामिल हैं। पिछले कुछ दिनों से इसी इलाके में चीन और फिलीपींस के बीच तनाव चरम पर रहा है।
क्या है विवाद
दक्षिण चीन सागर को लेकर विवाद क्या है इस बारे में बात करें तो इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच पड़ने वाला यह समुद्री इलाका 35 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह सागर इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, ताइवान, वियतनाम, मलेशिया और ब्रूनेई से घिरा है। चीन का करीब-करीब हर देश से इस क्षेत्र को लेकर विवाद है। चीन और फिलिपींस के बीच स्कारबोरो और स्प्रेटली आइलैंड को लेकर विवाद है। चीन इन्हें अपना हिस्सा मानता है। जबकि, फिलिपींस का कहना है कि ये दोनों द्वीप उसके हिस्से हैं।