गाजा में इजरायली बंधकों की हत्या और आम नागरिकों की मौत से इजरायल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। लंबे समय बाद इजरायल ने साउथ गाजा से अपनी सेना हटा ली है। अब वहां सिर्फ एक टुकड़ी ही रह गई है। इधर ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने मानवीयता के आधार पर युद्ध रोकने की अपील की।
पूर्व भूमध्यसागर में तैनात होगी शाही नौसेना
विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने पूर्वी भूमध्य सागर में एक शाही नौसेना के पोत की तैनाती की घोषणा की और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाई जाने वाली सहायता को बढ़ाने के मकसद से 97 लाख पाउंड देने की प्रतिबद्धता जताई। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ से जारी एक बयान में सुनक ने कहा, ‘‘ आज सात अक्टूबर के आतंकवादी हमले के छह महीने पूरे हो गए हैं जो इजराइल के इतिहास में सबसे भयावह हमला था और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यहूदियों की सबसे बड़ी जनहानि थी। छह महीने बाद भी इजराइली जख्म हरे हैं। परिवार अब भी शोक मना रहे हैं और लोगों को अब भी हमास ने बंधक बना रखा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गाजा में छह महीने के युद्ध के बाद, मारे जा रहे आम नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है – भूख, हताशा, भयानक पैमाने पर जीवन की हानि हो रही है।
बच्चों पर सुनक को आया रहम
गाजा में बच्चों की हालत देखकर ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक को रहम आ गया है। उन्होंने कहा कि गाजा के बच्चों को तुरंत मानवीय (युद्ध)विराम की आवश्यकता है, ताकि एक दीर्घकालिक स्थायी युद्धविराम हो सके। बंधकों को रिहा कराने और मदद पहुंचाने तथा लड़ाई एवं जान-माल के नुकसान को रोकने का यह सबसे तेज तरीका है।’’ ‘द संडे टाइम्स’ के लिए लिखे लेख में विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि इजरायल के लिए ब्रिटेन का समर्थन ‘‘बिना शर्त नहीं’’ है। गाजा में सहायता सामग्री पहुंचा रहे ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ संगठन के कर्मियों पर इजरायल के हमले में मारे गए सात सहायताकर्मियों में तीन ब्रितानी भी शामिल थे।