सिंधू के नेतृत्व वाली महिला टीम को ग्रुप ‘डब्ल्यू’ में सिर्फ चीन से भिड़ना है जो ग्रुप की दूसरी टीम है जिससे भारत ने नॉकआउट में अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया है।
थॉमस कप चैंपियन भारत अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बूते बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप (बीएटीसी) का खिताब जीतने की कोशिश करेगा, जिसमें दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू की चोट से वापसी होगी। भारतीय पुरुष टीम ने 2022 में थॉमस कप जीता और पिछले साल के एशियाई खेलों में पहला रजत पदक हासिल किया था।
टीम की कोशिश इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता के फाइनल तक पहुंचने की होगी जिसमें उसने 2016 और 2018 में कांस्य पदक जीता था। सिंधू के लिए यह टूर्नामेंट ज्यादा अहमियत रखता है क्योंकि वह पिछले साल अक्तूबर से खेल से बाहर हैं जिससे वह अपनी मैच फिटनेस देखना चाहेंगी और जरूरी आत्मविश्वास हासिल करना चाहेंगी।
पहले नॉकआउट में पहुंचने का लक्ष्य
सिंधू के नेतृत्व वाली महिला टीम को ग्रुप ‘डब्ल्यू’ में सिर्फ चीन से भिड़ना है जो ग्रुप की दूसरी टीम है जिससे भारत ने नॉकआउट में अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया है। महिला टीम के लिए सफर मुश्किल भरा होगा जिसमें सिंधू और दो युगल जोड़ियां त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद तथा अश्विनी पोनप्पा और तनीषा क्रास्टो शामिल हैं। 28 साल की सिंधू को फ्रेंच ओपन में घुटने में चोट लग गई थी। फिटनेस हासिल करने के बाद वह बेंगलुरु में ‘मेंटोर’ प्रकाश पादुकोण के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग में जुटी थीं।