गाजीपुर। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा को और बेहतर बनाने के साथ ही उनकी सूरत भी संवारी जा रही है। इस क्रम में जिले में एक मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालय और एक मुख्यमंत्री माॅडल कंपोजिट विद्यालय खोला जाएगा। जिले से दो स्कूलों के प्रस्ताव मांगे गए हैं। विद्यालयों को चिन्हित करने के लिए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को जल्द इसे चिन्हित करने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार अभ्युदय कंपोजिट स्कूल जिला या तहसील मुख्यालय के पास होने के साथ जिले के मुख्य मार्ग (नेशनल हाईवे या स्टेट हाईवे) के पास होने चाहिए। विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक कक्ष के साथ न्यूनतम आठ कक्ष पहले से निर्मित हों और कम से कम 1300 वर्ग मीटर भूमि होना अनिवार्य है।
इसके साथ ही न्यूनतम छात्र संख्या 200 होनी चाहिए। जबकि मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय के लिए न्यूनतम पांच एकड़ जमीन की अनिवार्यता रखी गई है। मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय में प्री-नर्सरी से लेकर इंटरमीडिएट तक प्रत्येक कक्षा में तीन-तीन सेक्शन होंगे। यहां विद्यालय परिसर में प्रधानाचार्य, शिक्षक संवर्ग एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय भवन भी बनाए जाएंगे। जबकि मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय का उच्चीकरण कर उसे कक्षा आठ तक किया जाएगा।
विद्यालय में स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, कंप्यूटर के साथ ही पेयजल, शौचालय, चहारदीवारी, रसोईघर आदि की बेहतर व्यवस्था भी होगी। इन स्कूलों को हाईटेक संसाधन के साथ खेल-कूद का मैदान सहित अन्य सुविधाओं से लैस किया जाएगा। स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से जिले से दो स्कूलों के प्रस्ताव मांगे गए हैं। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों एवं खंड शिक्षा अधिकारियों को जल्द से जल्द विद्यालय चिन्हित करने का निर्देश दिया है लेकिन अभी तक इन विद्यालयों का चयन नहीं हो पाया है।
इन स्कूलों को सुविधाओं से लैस करते हुए पंजीकृत विद्यार्थियों को शिक्षा की सुविधा निजी स्कूलों से बेहतर मिलेगी। यहां बच्चों का बौद्धिक विकास होगा वहीं स्कूल में शिक्षा के साथ संचालित अन्य गतिविधियों से उनके शारीरिक विकास में भी मदद मिलेगी। – हेमंत राव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी