यूपी के नगर विकास विभाग के एक उच्चाधिकारी के मुताबिक केन्द्रीय बजट में घोषित योजना का प्रारूप जब तक सामने नहीं आएगा, तब तक योजना के लाभार्थियों की संख्या का निर्धारण नहीं किया जा सकता है।
केन्द्रीय बजट में किराये पर, चाल, झुग्गी-झोपड़ी और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए आवासीय योजना शुरू करने की घोषणा से मध्यम वर्ग के उन लोगों को मकान मिलने की उम्मीद जग गई है, जिनके पास अभी तक मकान नहीं हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस योजना के लागू होने पर हर साल करीब दो लाख से अधिक लोगों को मकान उपलब्ध कराया जा सकेगा। हालांकि इसको लेकर तस्वीर तभी साफ हो पाएगी, जब केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए पात्रता तय कर दी जाएगी।
बता दें कि प्रदेश में गरीबों और निम्न मध्य वर्ग के लिए कई आवासीय योजनाएं लागू हैं। इन सभी योजनाओं में 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस और 10 फीसदी एलआईजी मकान आरक्षित होते हैं, लेकिन मध्य वर्ग के लिए सीधे तौर पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। आवास विभाग द्वारा निजी क्षेत्रों की भागीदारी से अफोर्डेबल नीति को मंजूरी दी गई है, लेकिन यह योजना अभी तक पूरी तरह से परवान नहीं चढ़ पाई है। केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम बजट में अपना घर खरीदने के लिए मध्य वर्ग आवास योजना शुरू करने की घोषणा से उम्मीद जगी है।