छात्रा का आरोप है कि कॉलेज के शिक्षक विवेक तिवारी उसके साथ छेड़खानी करते थे। विरोध करने पर उन्होंने भविष्य खराब करने की धमकी दी थी। इसकी शिकायत पर प्रधानाचार्य केके. राम ने जांच कमेटी का गठन किया। मामले की जांच रिपोर्ट निदेशक को भेजी गई है।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) मंझनपुर में अनुसूचित जाति की छात्रा से छेड़खानी व उसके जातिगत उत्पीड़न मामले के प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए दो शिक्षकों का प्रधानाचार्य ने अग्रिम आदेश तक वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। घटना में आरोपी एक शिक्षक के खिलाफ सदर कोतवाली में छेड़खानी व अनुसूचित जाति के उत्पीड़न के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामले में अब निदेशक आईटीआ के कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।
पश्चिमशरीरा इलाके की एक अनुसूचित जाति की छात्रा नें वर्ष 2022-23 में आईटीआई मंझनपुर में दाखिला लिया था। जून माह में होने वाली परीक्षा के दौरान छात्रा का प्रवेश पत्र नहीं आया। बताया गया कि सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी के कारण प्रवेश पत्र नहीं आया है। दिसंबर में होने वाली बैक परीक्षा में छात्रा के परीक्षा दिलाने का वादा किया गया। इसके बाद भी छात्रा का प्रवेश पत्र नहीं आया।
छात्रा का आरोप है कि कॉलेज के शिक्षक विवेक तिवारी उसके साथ छेड़खानी करते थे। विरोध करने पर उन्होंने भविष्य खराब करने की धमकी दी थी। इसकी शिकायत पर प्रधानाचार्य केके. राम ने जांच कमेटी का गठन किया। मामले की जांच रिपोर्ट निदेशक को भेजी गई है।
इस प्रकरण में शुक्रवार को छात्रा की तहरीर पर सदर कोतवाली में आरोपी शिक्षक विवेक तिवारी के खिलाफ छेड़खानी का व एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। प्राचार्य ने मामले में शिक्षक विवेक तिवारी व घ्रुव सिंह का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। प्राचार्य का कहना है कि जांच रिपोर्ट निदेशक को भेजी गई है। उनके आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।