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मुख्यमंत्री बोले- प्राण प्रतिष्ठा को सियासी चश्मे से देखने और वोट बैंक तलाशने की जरूरत नहीं

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सीएम योगी ने कहा कि सदियों के तप, संकल्पों की पूर्ति और सनातन धर्मावलंबियों के गौरव का यह कार्यक्रम पूरे देश का है, इसे सियासी चश्मे से देखने और वोट बैंक तलाशने का अवसर बनाने की जरूरत नहीं है।

CM Yogi Interview: Said- There is no need to look at Pran Pratistha through political lens
अयोध्या में कल सुबह लता मंगेशकर चौक पर मंदिरों के स्वच्छता अभियान की शुरुआत करते सीएम योगी आदित्यनाथ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मानते हैं कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन पीढ़ियों के संघर्ष के बाद आया है। सदियों के तप, संकल्पों की पूर्ति और सनातन धर्मावलंबियों के गौरव का यह कार्यक्रम पूरे देश का है, इसे सियासी चश्मे से देखने और वोट बैंक तलाशने का अवसर बनाने की जरूरत नहीं है। योगी ने कहा, इस दिन से नए भारत का आगाज हो रहा है। नव्य अयोध्या का जो स्वरूप होगा, वह सिर्फ भारत या सनातन धर्मावलंबियों को नहीं, विश्व मानवता को दिशा और प्रेरणा देगा।

कि विपक्षी दलाें ने प्राण प्रतिष्ठा को खास विचारधारा व संघ-भाजपा का आयोजन करार देकर कार्यक्रम में शामिल होने से इन्कार किया है? सीएम योगी ने कहा, यह जनमानस की आस्था के सम्मान का दिन है। रामलला को अपने मंदिर में विराजित होते देखना भावुक करने वाले क्षण हैं। इस पर भी राजनीति, कल्पना से परे तो है ही, देशवासियों की आस्था का अपमान भी है। राष्ट्रीय गौरव के अवसर को सियासी चश्मे से देखना गलत है।

राम मंदिर अभियान में हर देशवासी धर्म, जाति, पंथ, भाषा व क्षेत्र से उठकर जुड़ा था, उनके संकल्प आकार ले रहे हैं। इसे वैचारिक-परिवार या पार्टी से जोड़ना अनुचित है। हालांकि, सांविधानिक रूप से पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें यह सफलता प्राप्त हुई है, इस तथ्य से कोई कैसे इन्कार कर सकता है?

सीएम ने कहा, आम जनमानस की आस्था का हो रहा सम्मान, यह भावुक करने वाला पल
जिस पर कृपा राम की होई…
कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के आमंत्रण ठुकराने पर योगी कहते हैं, हमारा काम आमंत्रण देना था। इसे कोई राजनीतिक चश्मे से देखता है, तो उसकी दृष्टि व सोच है। प्रभु सबको अवसर देते हैं। मगर, हर व्यक्ति उसका लाभ नहीं ले सकता है। ऐसे अवसर का लाभ वही ले सकता है, जिस पर कृपा राम की होई। वह अपना धर्म निभाएं, हम अपना निभा रहे हैं।

संतों की न हो निजी अपेक्षा
शंकराचार्य की चर्चाओं पर कहा, इस अवसर पर सनातन धर्मावलंबी आनंद की अनुभूति के साथ उल्लास से भरे हैं। निजी मान-अपमान की चिंता किए बगैर सभी का आशीर्वाद मिलना चाहिए। हम सभी संतों का जीवन प्रभु श्रीराम के चरणों में ही समर्पित है, इसलिए हमारी कोई अपेक्षा निजी नहीं होनी चाहिए।

जनता सब जानती है
भाजपा को लाभ के सवाल पर योगी कहते हैं, राष्ट्रीय स्वाभिमान के इस अभियान का लाभ-हानि से मतलब नहीं है। जनता-जनार्दन जानती है कि उनकी आस्था का सम्मान कौन कर रहा है। सुरक्षा कौन दे रहा है। उनकी आर्थिक समृद्धि और उज्ज्वल भविष्य के लिए कौन ईमानदारी और पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम रहा है।

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