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सीआरआई कसौली में होगा लाइव वायरस और बैक्टीरिया का शोध, नई बीमारियों का चलेगा पता

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सीआरआई कसौली में नए वायरस और बैक्टीरिया का पता चलने के बाद दवाओं का उत्पादन करना भी आसान हो जाएगा।

Research of live viruses and bacteria will be done in CRI Kasauli, new diseases will be detected.
केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआई) कसौली में अब लाइव वायरस और बैक्टीरिया का अनुसंधान करना आसान होगा। इसके लिए सीआरआई कसौली में बायो सेफ्टी लेवल तीन (बीएसएल-थ्री) प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। प्रयोगशाला के स्थापित होने के बाद यहां पर वैज्ञानिकों को अनुसंधान की सुविधा भी मिलेगी। वहीं नए वायरस और बैक्टीरिया का भी कुछ ही समय में पता लग सकेगा। नए वायरस और बैक्टीरिया का पता चलने के बाद दवाओं का उत्पादन करना भी आसान हो जाएगा। सबसे खास बात यह होगी कि लाइव सैंपलों को आसानी से प्रयोगशाला में रखा जाएगा और बारीकी से उसकी जांच भी की जा सकेगी। वहीं इसमें होने वाले म्यूटेशन का भी आसानी से पता लगेगा। अभी तक किसी भी वायरस और बैक्टीरिया की जांच दिल्ली या अन्य लैबों में होती है। इसके बाद दवाओं को लेकर अनुसंधान शुरू हाेता है। लेकिन बीएसएल-थ्री लैब के स्थापित होने के बाद भविष्य में आने वाले खतरनाक वायरस का सीआरआई भी पता लगा सकेगा। सीआरआई कसौली में होगा लाइव वायरस और बैक्टीरिया का शोध, नई बीमारियों का चलेगा पता

सीआरआई कसौली में नए वायरस और बैक्टीरिया का पता चलने के बाद दवाओं का उत्पादन करना भी आसान हो जाएगा।

Research of live viruses and bacteria will be done in CRI Kasauli, new diseases will be detected.
गौर रहे कि केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली देश और विदेश में नए आयाम स्थापित कर रहा है। लोगों के लिए जीवन रक्षक वैक्सीन और एंटी सीरम तैयार की जा रही है। अब यहां पर बीएसएल-3 लैब को स्थापित कर वायरस और बैक्टीरिया का भी पता लगाया जाएगा। इस लैब का शिलान्यास 2 जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की ओर से किया गया था। लैब के लिए केंद्र सरकार और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बीते वर्ष मंजूरी दी थी। इसके बाद कार्य शुरू हुआ और अब यह लैब जल्द बनकर तैयार हो जाएगी। संस्थान के सहायक निदेशक एवं जन संपर्क अधिकारी डॉ. यशवंत कुमार ने बताया कि बीएसएल-थ्री लैब संस्थान में जल्द बनकर तैयार होगी।

अभी तक खतरनाक वायरस का नहीं लगता था पतासीआरआई में अभी तक स्थापित लैब में खतरनाक वायरस के बारे में नहीं पता चल पता था। हालांकि कम नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया के बारे में अनुसंधान होता था। वहीं इनसे होने वाली बीमारियों के बारे में पता लगाकर वैक्सीन का उत्पादन भी किया जाता है। अब वैज्ञानिकों को लैब की नई सुविधा मिल गई है। प्रदेश में होगी पहली लैब सीआरआई कसौली की प्रदेश की पहली लैब होगी, जिसमें वायरस पर अनुसंधान भी किया जा सकेगा। लैब में आधुनिक मशीनों को लगाया जगाया जाएगा। इसमें अनुसंधान कार्य को आसानी से पूरा होगा।

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