मध्य प्रदेश की सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में दो नए जिले बनाने का ऐलान किया है। सरकार ने इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया है। आइए जानते हैं कि सरकार नए जिलों का निर्माण कैसे करती है?
नई दिल्ली: भारत की प्रशासनिक व्यवस्था में पंचायत, तहसील, जिला, राज्य और देश आता है। इसमें जिला सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। देश में इस समय कुल जिलों की संख्या 800 के पार जा चुकी है। गुरूवार 5 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने प्रदेश में दो और नए जिले बनाने का ऐलान किया। यह नए जिले मैहर और पांढुर्णा के नाम से जाने जाएंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई सरकार किस तरह से नए जिलों का निर्माण करती है? वह इस दौरान किस प्रक्रिया का पालन करती है? इस एक्सप्लेनर में हम आपको इसके पीछे का पूरा गणित समझायेंगे-
भारत में किसी भी नए जिले का निर्माण ऐसे ही नहीं हो जाता है। इसके पीछे पूरी प्रक्रिया होती है। नए जिले के निर्माण के लिए पूरी रूपरेखा तैयार की जाती है। इसके बाद कई प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद उसे जमीनी हकीकत में बदला जाता है। नए जिले के निर्माण के लिए सबसे पहले एक प्रस्ताव बनाया जाता है। यह प्रस्ताव स्थानीय प्रशासन, निर्वाचित प्रतिनिधियों या अन्य संगठनों के द्वारा बनाया जाता है, जिसके बाद इसे राज्य सरकार के पास भेजा जाता है। राज्य सरकार इस प्रस्ताव को गहनता से देखती है। जिसमें नए जिले की आवश्यकता का व्यवहार्यता अध्ययन किया जाता है। इस चरण में क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व, भौगोलिक क्षेत्र, प्रशासनिक सुविधा और संसाधनों की उपलब्धता के अलावा वहां के सामाजिक विश्लेषण जैसे कारकों पर भी गंभीरता से विचार किया जाता है।
राज्य सरकार लेती है नया जिला बनाने का निर्णय
अब जब राज्य सरकार को लगता है कि यह प्रस्ताव सही है, इसके बाद वह स्थानीय जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों आदि से बातचीत करती है। इस दौरान जब सभी विषयों और पहलुओं पर सहमति बन जाती है तब राज्य सरकार की और से नया जिला बनाने का निर्णय लिया जाता है और इसके लिए आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना जारी करनी होती है। जिसमें नए जिले के निर्माण की घोषणा के साथ ही जिले की सीमाओं को भी समाविष्ट किया जाता है। राज्य सरकार ही जिले की सीमा तय करती है। इसके बाद राज्यपाल नए जिले को अपनी स्वीकृति प्रदान करता है। इसके बाद वह जिला आधिकारिक रूप ले पाता है।
सबसे पहले तैनात किए जाते हैं डीएम और एसपी
जिला घोषित होने के बाद सरकार यहां से सबसे पहले डीएम और एसपी की तैनाती करती है। अन्य अधिकारीयों की नियुक्ति आने वाले समय में धीरे-धीरे होती रहती है। जिले के निर्माण के बाद सरकार प्रशासनिक कार्यालय, पुलिस स्टेशन, अस्पताल, स्कूल और अन्य आवश्यक सेवाएं और जन सुविधाएं स्थापित करती है। इसके साथ ही पुराने और नए जिले के बीच संसाधन और संपत्ति का बंटवारा भी किया जाता है।