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पुलिस की पूछताछ में सूरज ने बताया कि प्रदीप ने जब गालीगलौज की तो वह रिक्शा मोड़कर उसके पास पहुंचा और गाली देने का कारण पूछा। सवाल करते ही प्रदीप ने उसे थप्पड़ जड़ दिया और साथ ही इलाके एक दबंग का नाम बताकर रौब गांठने की कोशिश की। गाली देते हुए लात-घूंसों से पीटना शुरू कर दिया जिसका नाम प्रदीप ने बताया वह हत्यारोपी सूरज के साथ मौजूद उसके साथी ललित का कट्टर दुश्मन है। ललित ने जैसे ही उसका नाम सुना, तो तेज आवाज में प्रदीप को गाली देते हुए लात घूंसों से पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद तीनों उसे घसीटते हुए मुख्य सड़क से नीचे उतार ले गए और पीटते वक्त अपने मददगार को बुलाने के लिए कहते रहे। तीनों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला इसी शोर-शराबे को सुनकर फार्म हाउस के गार्ड रामानंद भी भागकर फार्म हाउस के पीछे वाले गेट की तरफ पहुंचे, तो वहां छात्र का खून से लथपथ शव पड़ा देख पुलिस को सूचना दी। वहीं, पुलिस का कहना है कि हत्या की मुख्य वजह वाद-विवाद और छात्र द्वारा हत्यारोपियों के दुश्मन का नाम लेने के कारण की गई। पुलिस को अब तक तीनों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला। पुलिस में भर्ती होने का सपना देख रहा था प्रदीप प्रदीप लल्लनपुरवा में किराये के कमरे में रहकर एसएससी की काकादेव में कोचिंग कर रहा था। परिजनों ने बताया कि प्रदीप ने पहले पुलिस दरोगा की परीक्षा की तैयारी की थी, लेकिन चयन नहीं हो सका था। इससे प्रदीप निराश था। पिता शिवपाल ने उसे समझाकर अफसर बन अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रेरित किया था। पढ़ाई में तेज था मृतक छात्र परिजनों के अनुसार वह पढ़ाई में तेज था। हाईस्कूल में 87 और इंटर में 85 फीसदी अंक हासिल किए थे। वह छोटे भाई शिवम का मार्गदर्शन भी करता था। प्रदीप की मौत की खबर से उसके गांव में रहने वाले लोग भी सन्न रह गए। छात्र की मौत से मातम छा गया है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। यूं पहुंचे हत्यारोपियों तक, बेंजाडीन टेस्ट से हुई पुष्टि कर्नलगंज एसीपी अकमल खां ने बताया कि हत्या के बाद एक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में ई-रिक्शा जाता नजर आया। रिक्शे पर बैठे युवकों के कपड़ों में कुछ धब्बे भी नजर आए, जो संभवता खून मानकार उन्हें ट्रेस किया गया। सूरज दिवाकर अपने मोहल्ले में नशे की हालत में घूमता पकड़ गया। रिक्शे में छिपा दिए थे खून से सने कपड़े उससे पूछताछ हुई, तो साथियों के नाम और पूरी वारदात कबूल कर ली। तीनों ने खून से सने अपने कपड़े उतार कर रिक्शे में छिपा दिए थे, जिन्हें ठिकाने लगाने से पहले ही बरामद किया गया। तीनों के हाथों का बेंजाडीन टेस्ट करवाया गया, तो उनके हाथों में भी खून मिला। एक माह में हुईं हत्याओं से दहला शहर नौ दिसंबर को मूलगंज क्षेत्र के हटिया बाजार में एक युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। दो दिसंबर को भाजपा नेता मुकेश नारंग की घर में ही गला दबाकर हत्या कर दी गई। 26 नवंबर को बिल्हौर में नाबालिग युवती की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या की गई। 15 नवंबर को काकादेव में हॉस्टल की वार्डन की हत्या हुई। एक नवंबर को छात्र की हत्या उसकी पूर्व ट्यूशन टीचर ने प्रेमी संग मिलकर की।

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बच्चों को देख राष्ट्रपति ने अपना काफिला रुकवा लिया और बच्चों के बीच पहुंच गई। बच्चों से कुछ सवाल पूछे तो बच्चों ने उत्साह के साथ उत्तर दिया। फिर बच्चों को दुलारा और उन्हें चॉकलेट दी।

When the President saw the children, he stopped his convoy, caressed the children and distributed chocolates.

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का काफिला एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ। इस दौरान शिवपुर क्षेत्र के गिलट बाजार चौराहे पर कंपोजिट विद्यालय व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय शिवपुर के बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर रोड पर खड़े थे।

बच्चों को देख राष्ट्रपति ने अपना काफिला रुकवा लिया और बच्चों के बीच पहुंच गई। बच्चों से कुछ सवाल पूछे तो बच्चों ने उत्साह के साथ उत्तर दिया। फिर बच्चों को दुलारा और उन्हें चॉकलेट दी। इसके बाद एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गईं। इस दौरान बच्चों को उत्साह देखते ही बन रहा था।

बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मेधावियों को मेडल देने वाराणसी पहुंचीं। यहां महामहिम ने 16 मेधावियों को अपने हाथों से मेडल दिए। एमए पत्रकारिता में सर्वाधिक अंक पाने पर आयुषी तिवारी को राष्ट्रपति ने श्री अतुल माहेश्वरी स्मृति स्वर्ण पदक दिया।

 

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