सूत्रों के मुताबिक बालों के गुच्छे को लेकर फोरेंसिक यूनिट अब मेडलरी इंडेक्शन टेस्ट और रस्सी की ब्रेकिंग स्ट्रेंथ टेस्ट कराएगी। बाल मानव के हैं कि नहीं यह पता चलेगा और रस्सी कितने वजन से टूट सकती है कि इसका पता किया जाएगा।
कानपुर के निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्र साहिल सारस्वत की मौत के मामले में पुलिस और फोरेंसिक की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं सर्विलांस टीम और साइबर सेल टीम अभी जांच कर रही है। चार दिन बाद भी पुलिस अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि साहिल की मौत हादसे में हुई या हत्या की गई।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अभी उन्होंने इस मामले में कोई भी बिंदु बंद नहीं किया है। सभी बिंदुओं और पहलुओं पर जांच की जा रही है। साहिल के मोबाइल की चैटिंग की भी जांच कराई जाएगी। सूत्रों के मुताबिक फोरेंसिक जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं। उसमें हादसे की संभावना ज्यादा है।
हालांकि फोरेंसिक रिपोर्ट अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। अगले दो-तीन दिनों में फोरेंसिक यूनिट अधिकारियों को रिपोर्ट सौंप सकती है। सूत्र बताते हैं कि टीम ने जो जांच की है, उसके अनुसार घटना शनिवार की रात तीन से 3:30 बजे की है। बालकनी से रेलिंग की ऊंचाई लगभग 78 सेंटीमीटर है और साहिल की खुद 170-175 सेंटीमीटर लंबा था।
सिर के बाएं तरफ छह इंच हड्डी तक डीप इंजरी
बालकनी उसकी जांघों के पास थी। वहां से वह गिरा और दूसरे माले पर एक मच्छरदानी की रस्सी को तोड़ते हुए नीचे चला गया। बेसमेंट में नीचे से ऊपर आने वाली 8-15 सीढ़ियों के बीच बाएं तरफ से टकराया। इसका कोना बहुत नुकीला था। इससे उसके सिर के बाएं तरफ छह इंच हड्डी तक डीप इंजरी हुई।