आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े को आर्यन खान से जुड़े मामले में जबरन वसूली और रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाया गया था। वहीं अब इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज मंगलवार को समीर वानखेड़े को दी गई किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा 10 जनवरी तक बढ़ा दी।
क्या बोले वानखेड़े के वकील
वहीं, वानखेड़े के वकील आबाद पोंडा ने कहा कि वह 10 जनवरी को बहस करेंगे। बता दें कि मई में सीबीआई ने एनसीबी द्वारा जारी एक लिखित शिकायत के आधार पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व मुंबई जोनल निदेशक वानखेड़े और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। केंद्रीय एजेंसी का मामला यह है कि वानखेड़े और चार अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर अभिनेता शाहरुख खान से 2021 में एक क्रूज जहाज से ड्रग्स की कथित जब्ती के बाद उनके बेटे आर्यन खान को फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
वानखेड़े पर रिश्वत लेने का आरोप
समीर वानखेड़े ने बाद में उच्च न्यायालय का रुख किया और मांग की कि मामले को रद्द कर दिया जाए। उन्होंने किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा की भी मांग की थी। वानखेड़े और मामले के अन्य आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और रिश्वतखोरी से संबंधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश और जबरन वसूली की धमकी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
आर्यन खान की गिरफ्तारी
आर्यन खान और कुछ अन्य व्यक्तियों को अक्टूबर 2021 में कथित तौर पर ड्रग्स रखने, सेवन करने और तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। फिर तीन हफ्ते जेल में बिताने के बाद हाई कोर्ट ने आर्यन खान को जमानत दे दी थी। एनसीबी ने बाद में अपनी चार्जशीट दायर की, लेकिन सबूतों की कमी का हवाला देते हुए मामले में आर्यन खान को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया। इसके बाद ड्रग रोधी एजेंसी ने मामले की और अपने ही अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल का भी गठन किया।