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नमो घाट से अस्सी घाट की सजावट और आतिशबाजी पर पांच करोड़ खर्च, आठ लाख से ज्यादा सैलानी बने साक्षी

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 देव दीपावली पर नमो घाट से अस्सी घाट की सजावट और आतिशबाजी पर पांच करोड़ खर्च किए गए। देव दीपावली का साक्षी बनने के लिए पहली बार आठ लाख से ज्यादा सैलानी काशी पहुंचे।

 dev diwali varanasi Five crores spent on decoration and fireworks from Namo Ghat to Assi Ghat

देव दीपावली को राजकीय सम्मान मिलने के बाद हुए पहले आयोजन में प्रशासन के साथ सभी विभागों ने कमान संभाली। नगर निगम, विकास प्राधिकरण सहित अन्य सरकारी विभागों ने इस आयोजन में अपने खजाने का मुंह खोला। नमो घाट से लेकर अस्सी घाट तक सजावट पर तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए।

इसके साथ ही पर्यटन विभाग ने दीया, बाती और अन्य आयोजन पर दो करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया। पहली बार आठ लाख सैलानी देव दीपावली का साक्षी बनने के लिए काशी पहुंचे। सबसे अहम 70 देशों के राजदूतों की मौजूदगी से पूरी दुनिया में इस महाआयोजन की चर्चा हो रही है।

इससे पहले तक इस आयोजन में नगर निगम, विकास प्राधिकरण सहित अन्य विभाग पूरी तरह शामिल नहीं होते थे। दरअसल, प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने देव दीपावली को राजकीय मेला घोषित किया है।

राजकीय मेले के रूप में पहली बार सोमवार को यह आयोजन हुआ। जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि राजकीय मेला घोषित होने के बाद इसके सभी आयोजन में होने वाले खर्च को शासन वहन करेगा।

बाबा विश्वनाथ की पावन धरा काशी में लाखों दीये अपना दिव्य प्रकाश बिखेर रहे हैं। देव दीपावली पर यहां के घाटों का यह दृश्य अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय है। कई देशों के राजदूत भी इसके साक्षी बने। मैं इस पुण्य अवसर पर अपने सभी परिवारजनों के कल्याण की कामना करता हूं। जय बाबा विश्वनाथ!- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, एक्स पर संदेश
सुबह से रात तक सड़कों पर यातायात का भारी दबाव
कार्तिका पूर्णिमा के स्नान और देव दीपावली के कारण सोमवार की सुबह चार बजे से लेकर रात 10 बजे के बाद तक शहर की सड़कों पर यातायात का भारी दबाव रहा। कमिश्नरेट की ट्रैफिक पुलिस सड़कों पर सुबह से ही सक्रिय नजर आई, लेकिन श्रद्धालुओं और सैलानियों के हुजूम के कारण यातायात व्यवस्था संबंधी सारे इंतजाम धड़ाम नजर आए।
यातायात का सर्वाधिक दबाव लंका से सामने घाट होते हुए रामनगर और लंका से अस्सी, शिवाला, गोदौलिया, मैदागिन होते हुए राजघाट तक रहा। इसी तरह से कैंट स्टेशन से राजघाट व सिगरा मार्ग, गोदौलिया से गुरुबाग होते हुए रथयात्रा मार्ग और लहुराबीर से मैदागिन मार्ग पर भी यातायात का भारी दबाव रहा।

बिना इजाजत उड़ते रहे ड्रोन

कई लोग ऐसे भी रहे जो बगैर इजाजत के ही ड्रोन से देव दीपावली की अद्भुत छटा को कैद करत रहे। भीड़ में शामिल लोग जब शोर मचाने लगे कि ड्रोन उड़ रहा है तो उससे संबंधित लोग उसकी उड़ान रोक दी।

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