कोरोना संक्रमण बीते तीन दिनों से चढ़ते क्रम में है। 72 घंटे के अंतराल में मंगलवार को एक बार फिर 8 नए लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। यही नहीं 104 दिन बाद सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 50 के पार पहुंच गया। इससे पहले नौ मार्च को 53 एक्टिव केस दर्ज किए गए थे। नए संक्रमितों के साथ सक्रिय मरीजों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं करेंगे तो संक्रमण प्रसार का खतरा बढ़ सकता है।
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई थी। जनवरी में संक्रमण दर न रफ्तार ने पकड़ी। राहत रही कि संक्रमण की दर तो बढ़ी पर गंभीर नहीं हो पाई। फरवरी के बाद से ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने लगी।
अफसरों का दावा है कि इसका बड़ा कारण कोरोना टीकाकरण रहा। इसी साल 9 मार्च को जिले में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 53 रही। उसके बाद सक्रिय मरीजों का ही नहीं नए संक्रमितों का आंकड़ा लगातार कम होता गया।
अप्रैल के आखिरी सप्ताह में यह आंकड़ा कई दिन शून्य तक भी आया। हालांकि मई में नए कोरोना संक्रमित मिलने लगे, लेकिन स्थिति लगभग सामान्य ही रही। जून में नए संक्रमितों की संख्या में उतार चढ़ाव बना रहा। इस दौरान सक्रिय मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी।
नौ मार्च बाद मंगलवार को एक बार फिर कोरोना के सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 51 तक पहुंच गया। इस दौरान जांच में लगी टीमों ने कोविड जांच के लिए 1726 लोगों के नमूने लिए। इसमें 8 नए संक्रमित मिले। हालांकि इस दौरान तीन लोगों ने कोरोना को मात देते हुए अपना होम आइसोलेशन पूरा किया।
सीएमओ डॉ. नानक सरन के मुताबिक कोरोना से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग कटिबद्ध है। बढ़ता संक्रमण चिंता बढ़ाने वाला है। गैर प्रदेशों से आ रहे लोग प्रसार का कारण बन रहे हैं। बाहर से आने वाले कोविड जांच कराएं, तीन से पांच दिन आइसोलेट रहें तो प्रसार पर अंकुश लग सकता है।
उन्होंने कहाकि लोगों को समझना होगा कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है, सिर्फ संक्रमण की दर कम हुई है। ऐेसे में जरूरी है कि लोग कोरोना से बचाव के लिए जारी सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। सीएमओ ने लोगों से भीड़ भाड़ वाले इलाकों में उचित दूरी के नियम का पालन करने और अनिवार्य रूप से मास्क लगाने की अपील की है।