राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त की घोषणाओं पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि घोषणाओं में लोकलुभावनवाद का तड़का है। इस बार पार्टियों के लिए एक प्रोफार्मा तैयार किया है। जिसमें यह बताया गया होगा कि उनके चुनावी वादों को कब और कैसे लागू किया जाएगा।
पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की। चुनाव से पहले कई दलों और सरकारों द्वारा घोषित मुफ्त सुविधाओं पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से सवाल पूछा गया। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, यह राज्य सरकारों का क्षेत्र है, लेकिन पांच साल तक ऐसी रियायतें याद नहीं रहती हैं। चुनाव कार्यक्रम से सिर्फ एक महीने या एक पखवाड़े पहले ऐसी घोषणाएं की जाती है।
चुनावी वादों को कब और कैसे लागू किया जाएगा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, चुनाव आयोग ने इस बार पार्टियों के लिए एक प्रोफार्मा तैयार किया है। जिसमें यह बताया गया होगा कि उनके चुनावी वादों को कब और कैसे लागू किया जाएगा। साथ ही कहा कि मतदाताओं को यह जानने का अधिकार है कि इसे कैसे लागू किया जाएगा और यह कितना और कब किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मतदाताओं को पता होना चाहिए कि वित्तीय बुनियादी बातों के आधार पर क्या तस्वीर उभरती है। घोषणाओं में लोकलुभावनवाद का ‘तड़का’ है।