इस्राइल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार जिओरा एइलैंड ने कहा, यह बिल्कुल वैसा ही लगता है, जैसा उस समय हुआ था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व निदेशक हेलित बैरेल ने भी खुफिया विफलता का संकेत देते हुए कहा कि हमास की तरफ से कई मोर्चों पर किए गए हमले से पूरा इस्राइल अचंभित रह गया।
फिलस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने जिस तरह इस्राइल पर हमला किया और उसके लड़ाके गाजा सीमाओं से बेरोकटोक प्रवेश कर गए। सैनिकों और नागरिकों को मारते रहे, उससे खुफिया तंत्र की विफलता को लेकर इस्राइली सेना पर सवाल उठने लगे हैं। यह हमला 1973 में हुए योम किप्पुर युद्ध की 50वीं बरसी के एक दिन बाद हुआ है। उस युद्ध में भी इस्राइली सेना सीरिया व मिस्र के टैंकों से घिर गई थी। इत्तेफाक यह है कि यह युद्ध भी यहूदी समुदाय के पवित्र दिन पर हुआ था। इस्राइली सेना एक बार फिर हमास के अचानक हमले से भौचक रह गई है। इस्राइल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार जिओरा एइलैंड ने कहा, यह बिल्कुल वैसा ही लगता है, जैसा उस समय हुआ था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व निदेशक हेलित बैरेल ने भी खुफिया विफलता का संकेत देते हुए कहा कि हमास की तरफ से कई मोर्चों पर किए गए हमले से पूरा इस्राइल अचंभित रह गया। अमेरिकी सरकार के पूर्व राष्ट्रीय खुफिया उप प्रमुख (पश्चिम एशिया) जोनाथन पैनिकॉफ कहते हैं, यह एक खुफिया और सुरक्षा विफलता थी। हालांकि, इस्राइली सेना के प्रवक्ता ने कहा, हम खुफिया तैयारियों को लेकर भविष्य में चर्चा करेंगे। फिलहाल हमारा ध्यान युद्ध की तरफ है।
2021 के युद्ध के बाद बदली नीति
इस्राइल ने हमेशा हमास को शत्रु माना है, लेकिन 2021 के युद्ध में गाजा को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद उसने नीति बदल ली थी। उसने पुरस्कार व दंड की नीति अपना ली थी। इस्राइल ने गाजा के हजारों लोगों को अपने देश अथवा अपने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में काम करने की अनुमति दी। वहीं, सख्त नाकाबंदी व हवाई हमले की चेतावनी भी लगातार जारी रखी। पिछले 18 महीनों से पूरे वेस्ट बैंक में हिंसा भड़की हुई थी, लेकिन गाजा शांत था। छिटपुट झड़पों में छोटे इस्लामिक जिहादी समूह शामिल रहे, पर हमास आतंकी शांत ही रहे।