मौजूदा समय में रूस और अमेरिका के बीच तनाव 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद किसी भी दौर से अधिक है। ऐसे में रूस, अमेरिका या दोनों देशों के द्वारा परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करना पूरी दुनिया को अत्यधिक अस्थिर करने वाला होगा।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा एटमी परीक्षण फिर शुरू करने की संभावना जताने के बाद रूस ने संकेत दिया कि वह व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) का अनुमोदन रद्द करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। क्रेमलिन (रूसी संसद) अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने कहा, दुनिया की स्थिति बदल गई है और वाशिंगटन व ब्रुसेल्स ने हमारे विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया है।
वैश्विक संकट की आशंका
मौजूदा समय में रूस और अमेरिका के बीच तनाव 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद किसी भी दौर से अधिक है। ऐसे में रूस, अमेरिका या दोनों देशों के द्वारा परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करना पूरी दुनिया को अत्यधिक अस्थिर करने वाला होगा। रूस को सोवियत संघ के परमाणु हथियार विरासत में मिले हैं। पुराने सोवियत संघ से मिले इन्हीं हथियारों की बदौलत रूस के पास दुनिया का एटमी हथियारों का सबसे बड़ा जखीरा है। ऐसे में यह तनाव वैश्विक संकट खड़ा कर सकता है।
सीटीबीटी के बाद से अब तक 10 परमाणु परीक्षण
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 1945 और 1996 की व्यापक परमाणु परीक्षण-प्रतिबंध संधि के बीच पांच दशकों में, 2,000 से अधिक परमाणु परीक्षण किए गए। इनमें से 1,032 अमेरिका ने और 715 सोवियत संघ ने किए। सोवियत संघ ने अपने विघटन से पूर्व आखिरी बार 1990 में परीक्षण किया, जबकि अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में परीक्षण किया था। सीटीबीटी के बाद से अब तक 10 परमाणु परीक्षण हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भारत ने 1998 में दो, पाकिस्तान ने भी 1998 में दो और उत्तर कोरिया ने 2006, 2009, 2013, 2016 (दो बार) और 2017 में परीक्षण किए।
अमेरिका पुराने हो चुके परमाणु हथियारों का करेगा परीक्षण
अमेरिका में परमाणु हथियारों का भंडार है और ये हथियार कई साल पुराने हैं इसलिए अब अगले साल नेवादा के रेगिस्तान में इनके परीक्षण की तैयारी की जा रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन हथियारों के भूमिगत परीक्षण से कोई भी भयावह अनहोनी होने का जोखिम है। राष्ट्रीय रक्षा लैब के विशेषज्ञ 1992 में भूमिगत परीक्षण रोकने के बाद से एटमी हथियारों की विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं कर पाए हैं। लेकिन ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वे नियंत्रित तरीके से और बिना बड़ा एटमी धमाका किए, इन हथियारों का परीक्षण करने जा रहे हैं।