केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव गुरमीत सिंह चावला ने बताया कि 84 मॉन्यूमेंट्स यानी स्मारकों के पब्लिकेशन सेंटर को सोविनियर शॉप में बदलने की योजना तैयार की गई है। पहले चरण में उन्हीं मॉन्यूमेंट्स को चयनित किया गया है, जहां पर पहले से पब्लिकेशन सेंटर हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) आगरा, दिल्ली, लखनऊ, कांगड़ा, चमोली, झांसी, श्रीनगर समेत देश के 84 ऐतिहासिक स्मारकों में अब दुकानें खोलने जा रहा है। इन स्मारकों के अंदर ही उपहार की दुकानें शुरू करने की योजना तैयार की गई है। इसका मकसद दर्शकों को पहले ऐतिहासिक स्मारकों के माध्यम से भारतीय संस्कृति, विरासत व परंपरा से रूबरू करवाना है। इसके बाद वे सोविनियर शॉप से इसी को दर्शाती एक जिला -एक उत्पाद, प्राचीन शिल्प पर आधारित मूर्तियां, कलाकृतियां आदि को घर ले जा सकेंगे।केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव गुरमीत सिंह चावला ने बताया कि 84 मॉन्यूमेंट्स यानी स्मारकों के पब्लिकेशन सेंटर को सोविनियर शॉप में बदलने की योजना तैयार की गई है। पहले चरण में उन्हीं मॉन्यूमेंट्स को चयनित किया गया है, जहां पर पहले से पब्लिकेशन सेंटर हैं। दरअसल, पब्लिकेशन सेंटर में ही सोविनियर शॉप खोली जाएगी। इसके लिए बाकायदा नियम तय किए गए हैं। इसमें उद्योग घरानों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योग भी स्मारकों के साथ मिलकर एक साथ काम कर सकें। एएसआई का मकसद विरासत स्मारकों के प्रति आम लोगों में रुचि पैदा करना है। इसके अलावा सोविनियर शॉप से वे स्मारकों से जुड़े सामान को स्मृति के लिए अपने साथ खरीदकर घर ले जा सकेंगे। इन सोविनियर शॉप को चलाने के लिए बाकायदा एएसआई ने नियम व शर्तें बनाई हैं। इसके अलावा किराया भी देना होगा।
इन ऐतिहासिक धरोहरों को किया शामिल
झांसी की रानी का किला, गुप्ता मंदिर, आगरा किला, फतेहपुरी सिकरी, ताज महल, अकबर का मकबरा, लखनऊ का दिलकुशा पुराना पैलेस, रेजिडेंसी बिल्डिंग, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा का किला, अखंड मसरूर रॉक कट मंदिर देहरा, उत्तराखंड से गोपेश्वर चमोली, दिल्ली का लाल किला, कुतुब मीनार, पुराना किला, सफदरजंग का मकबरा, जंतर-मंतर और इतिमद-उद-दौला का मकबरा, जल महल नारनौल, शेख चिल्ली का मकबरा समेत अन्य स्मारक शामिल हैं।