एटली ने ‘जवान’ से शाहरुख खान के मोनोलॉग के ‘सत्ता विरोधी’ होने की चर्चाओं पर चुप्पी तोड़ी है। साथ ही कांग्रेस और भाजपा की ओर से इसका इस्तेमाल कर एक-दूजे पर कटाक्ष किए जाने पर भी बात करते नजर आए हैं।
एटली कुमार इन दिनों अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘जवान’ की सफलता को भुना रहे हैं। इसी को लेकर निर्देशक ने फिल्म और शाहरुख खान के किरदार पर खुलकर चर्चा की है। एटली ने गुरुवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई 2023 में शाहरुख खान के वायरल वोटिंग मोनोलॉग पर चुप्पी तोड़ी। फिल्म में शाहरुख खान के किरदार आजाद ने चुनाव में मतदान से पहले सवाल पूछने के महत्व पर जोर दिया, जो इस वक्त काफी चर्चा में है। हालांकि, एक वर्ग इसे ‘सत्ता विरोधी’ बता रहा है, जिसे लेकर एटली ने अपना पक्ष साफ किया है।
सुर्खियों में ‘जवान’ का मोनोलॉग
शाहरुख खान की नवीनतम एक्शन फिल्म ‘जवान’ ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड बनाए हैं और अभी भी देश भर के सिनेमाघरों में सफलतापूर्वक चल रही है। ‘मेर्सल’ और ‘बिगिल’ जैसी अपनी पिछली फिल्मों की तरह, एटली ने ‘जवान’ में भी अपनी राजनीति को बढ़ावा दिया है, जिसमें किसानों की आत्महत्या और खराब स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे जैसे कई मुद्दे उठाए गए हैं। फिल्म के क्लाइमेक्स के दौरान, शाहरुख के युवा किरदार आजाद का एक भाषण है कि कैसे हमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी सरकार से सवाल करना चाहिए और अपना बहुमूल्य वोट बर्बाद नहीं करना चाहिए। यह मोनोलॉग सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और इसका इस्तेमाल दो प्रमुख राष्ट्रीय दलों, भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर निशाना साधने के लिए भी किया।
‘जवान’ में राजनीतिक मोनोलॉग का कारण
गुरुवार को मुंबई में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में फिल्म निर्माता से इस पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई। एटली ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी फिल्मों में ऐसे राजनीतिक संदेश दिए हैं और चाहते हैं कि 100 वर्ष बाद भी लोग ‘जवान’ मोनोलॉग से जुड़े रहें। निर्देशक ने कहा, ‘मैं प्रेस का भी हिस्सा हूं, मैं मीडिया का भी हिस्सा हूं। मुझे जिम्मेदारी के साथ मनोरंजक फिल्में बनानी चाहिए। बिना संदेश के भी मैं अपनी फिल्म से दर्शकों का मनोरंजन कर सकता हूं, लेकिन फिर मुझे लगता है कि मैं अपना काम नहीं कर रहा हूं। मैं हमेशा बहुत जिम्मेदार महसूस करता हूं और मैं समाज की भावनाओं को जानना चाहता हूं। इसलिए मैं किसी को इंगित नहीं करता, मैं सिर्फ वास्तविक भावनाओं को समझता हूं, चारों ओर क्या मुद्दे चल रहे हैं और एक लेखक या निर्देशक के रूप में हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं।’
‘त्ता विरोधी’ है जवान का मोनोलॉग?
जब एटली से आगे पूछा गया कि क्या वह सत्ता विरोधी हैं, तो निर्देशक ने इससे साफ इनकार कर दिया और कहा कि वह केवल अपनी भावनाओं के बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं एक आम आदमी हूं, मैं भी इस समाज का हिस्सा हूं। यह मेरी आवाज है, यह दर्शकों की आवाज है, और यह एक आम भारतीय की आवाज है।’ एटली को यह भी बताया गया कि कैसे राजनेता जवान के इस मोनोलॉग का इस्तेमाल कर रहे हैं। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि ‘जवान’ मोदी सरकार के खिलाफ है, और बीजेपी नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस ने इसी तरह देश चलाया।
भाजपा-कांग्रेस की तनातनी पर एटली
कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मोनोलॉग को लेकर चल रहे असमंजस पर प्रतिक्रिया देते हुए एटली ने कहा, ‘मूल रूप से, आपको एक नागरिक के रूप में बहुत जिम्मेदार होना होगा। मैं कुछ भी निर्दिष्ट नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं सिर्फ लोगों की वास्तविक भावनाओं के बारे में बात कर रहा हूं। आपको पता होना चाहिए कि वोट का मूल्य क्या है। कैसे वोट करना है, किस आधार पर वोट करना चाहिए। 100 वर्ष बाद भी यह मोनोलॉग दर्शकों को सही तरीके से जोड़ेगा। अगर कोई कोच किसी छात्र को गेंदबाजी करना सिखाता है, तो यह अगले मैच के लिए नहीं, जीवन भर के लिए है। मैंने अपने फिल्म के लिए यह संदेश भेजा है, जो 100 वर्ष तक कायम रहना चाहिए।’