दिल्ली को आप की सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए भाजपा सांसदों ने समर्थकों संग राजघाट पहुंचकर पर प्रार्थना की। सांसदों ने कहा कि दिल्ली सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी है। शराब घोटाला इसका सबूत है। केजरीवाल को दिल्ली की सत्ता पर आसीन रहने का हक नहीं है।
सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी पर भाजपा ने लगातार दूसरे दिन आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार को कठघरे में खड़ा किया। दिल्ली को आप की सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए भाजपा सांसदों ने समर्थकों संग राजघाट पहुंचकर पर प्रार्थना की। सांसदों ने कहा कि दिल्ली सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी है। शराब घोटाला इसका सबूत है। केजरीवाल को दिल्ली की सत्ता पर आसीन रहने का हक नहीं है।
‘शराब घोटाले में मास्टर माइंड हैं सीएम, जल्द जांच के घेरे में आएंगे’
भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा है कि शराब घोटाले में संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी घबराई हुई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जल्द जांच के घेरे में आएंगे। सांसद ने कहा कि संजय सिंह के घर पर ही सभी शराब माफिया की बातचीत होती थी। इसके बाद संजय सभी को लेकर केजरीवाल के घर जाते थे। सांसद के मुताबिक ईडी ने कोर्ट को बताया है कि संजय दिनेश अरोड़ा और अमित अरोड़ा से मिलते रहते थे। कोर्ट में ईडी ने संजय सिंह के दो करोड़ लेने की बात की जानकारी दी है।
बृहस्पतिवार को भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बड़े वकीलों पर अरविंद केजरीवाल ने 60 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा विक्टिम कार्ड खेलने वाले केजरीवाल और उनकी पार्टी कह रही है कि चुनाव के कारण भाजपा डर गई है, लेकिन ये बातें ईडी द्वारा जब संजय सिंह से सवाल पूछा जाएगा तो उस वक्त नहीं काम आने वाला है। उन्होंने केजरीवाल को जल्दी अपना गुनाह कबूल करने की सलाह देते हुए कहा कि इससे शायद उन्हें कम सजा मिलेगी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा लगाने वाले केजरीवाल आज लालू यादव के शागिर्द बने हुए हैं। उनका राजनीतिक धर्मांतरण देखकर हर कोई हैरान है। जब भी कोई गिरफ्तारी होती है, तो आम आदमी पार्टी के अंदर एक ही टेप रिकॉर्ड सुबह से शाम तक चलता रहता है लेकिन भाजपा द्वारा पूछे गए 15 सवालों का जवाब आज तक किसी भी आप नेता द्वारा नहीं दिया गया है। हम उनसे फिर वही अहम सवाल पूछते हैं। आखिर एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी इंडो स्पीरिट से एक करोड़ रुपये लेने का मामला क्यों आया। शराब घोटाले में अगर कोई सबूत नहीं मिला है तो फिर मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने शराब घोटाले का प्रिंसिपल आर्किटेक्ट क्यों बता दिया।