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आपदा में अवसर देता है अपॉर्च्युनिटीज फंड, चुनौतियों का सामना करती हैं कंपनियां; पढ़ें पूरी खबर

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आपदा में अवसर ढूंढ़ना भी एक कला है। जब बात निवेश की हो तो इस अवसर को छोड़ने से लंबे समय में घाटा होता है। कई तरह की आपदाएं अक्सर आती रहती हैं और इस माहौल में निवेश के बेहतर साधन को चुना तो अच्छा मुनाफा होता है। आपदा में अवसर का गणित बताती अजीत सिंह की रिपोर्ट-

Opportunities Fund provides supports to companies to face challenges
सभी कंपनियों को आगे बढ़ते हुए किसी न किसी प्रकार की चुनौतियों का सामना करना ही पड़ता है। ये प्रतिस्पर्धा, सरकारी नियमन, बोर्ड या प्रबंधन से संबंधित वाद-विवाद या यहां तक कि कोर्ट-कचहरी के रूप में भी हो सकते हैं। ऐसी विशेष परिस्थितियों में जिन कंपनियों का मूलभूत आधार मजबूत होता है, उनके शेयरों में भी गिरावट हो सकती है।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंडिया अपॉर्च्युनिटीज फंड ने उन कंपनियों को खरीदकर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की सफलतापूर्वक कोशिश की है, जो अस्थायी चुनौतियों से गिरावट के दौर से गुजर रही हैं या गिरावट के करीब हैं। इस रणनीति से बेहतर रिटर्न मिला है, क्योंकि मजबूत कंपनियां जब भी विशेष परिस्थितियों या चुनौतियों का सामना करती हैं, तो समय आने पर उनकी कीमतों में तेज वृद्धि अमूमन होती ही है।

दिक्कतों को सफलतापूर्वक किया पार
अपॉर्च्युनिटीज फंड बड़े पैमाने पर आई चुनौतियों जैसे कि कोविड -19, लॉकडाउन, उच्च महंगाई, ब्याज दर में बढ़ोतरी, रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संकट को पार कर लिया है। यह फंड 3-4 वर्षों में और सभी इक्विटी कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ थीम आधारित फंडों में से एक रहा है।

इस फंड ने एक, दो, तीन और चार साल में लगातार अपने बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई से बेहतर प्रदर्शन किया है। तीन और चार साल की अवधि में फंड ने क्रमशः 36.3 फीसदी और 27.1 फीसदी का रिटर्न दिया। बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई 22.7 फीसदी और 18.1 फीसदी का रिटर्न दिया है। यह रिटर्न फंड को सभी कैटेगरी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले थीम आधारित इक्विटी फंडों में से एक बनाता है।

एक लाख बना 2.38 लाख
इंडिया अपॉर्च्युनिटीज फंड में अगर किसी ने 2019 में एक लाख रुपये का निवेश किया होगा तो यह 31 अगस्त, 2023 तक 20.7% चक्रवृद्धि ब्याज (सीएजीआर) की दर से 2.38 लाख रुपये हो गया। बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई में यह निवेश 1.94 लाख रुपये होगा, जिसका सीएजीआर 15.5% का है। यदि किसी निवेशक ने शुरुआत से मासिक 10,000 रुपये का एसआईपी किया है तो 31 अगस्त, 2023 तक 5.6 लाख रुपये निवेश का मूल्य 27.25 फीसदी सीएजीआर के साथ 10.44 लाख रुपये होगा।

मेटल, बिजली और दूरसंचार में निवेश
ये फंड पोर्टफोलियो के लिए कंपनियों और सेक्टर को चुनते समय विरोधाभासी दृष्टिकोण के समान है। निवेश के मामले में इसकी पसंद मजबूत मूलभूत और अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनियां ही रही हैं। यह कंपनियां वर्तमान में मुश्किलों के अस्थाई संकट से गुजर रही हैं। इसलिए इस संभावित बदलाव का फायदा उठाने के लिए सेक्टर और शेयरों में निवेश पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। मार्च, 2020 की मंदी के बाद इस फंड ने बिजली, दूरसंचार और मेटल कंपनियों में खरीदारी की।

महामारी के बाद फार्मा में निवेश
कोरोना के बाद जब स्थितियां सुधरी तो इसने अच्छा मुनाफा कमाया। 2021 में बैंकों की बैलेंसशीट में मजबूती शुरू होने से पहले फंड ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश किया था। 2021 के अंत और 2022 की शुरुआत में महामारी थमी तो इस कैटेगरी में फंड ने फार्मा कंपनियों में खरीदारी की, क्योंकि भाव आकर्षक हो गए थे। महिंद्रा एंड महिंद्रा (उस समय ऑटो में कम मांग और खराब माहौल के बावजूद) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (कोविड संकट के बाद दुनिया में मंदी के बावजूद) जैसी कंपनियों में पिछले निवेश फंड के लिए कई गुना रिटर्न देने में सफल रहे।

निवेश सलाहकार अर्चना पांडे का कहना है कि अपॉर्च्युनिटीज फंड विशिष्ट परिस्थिति वाले शेयरों में निवेश करता है, इसलिए इसके प्रदर्शन में कुछ कमी का अनुभव हो सकता है। अतः एसआईपी के माध्यम से निवेश करना बेहतर होगा, क्योंकि इससे बाजार के चक्र के दौरान खर्चों को तर्कसंगत बनाने में मदद मिलेगी।

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