रूस ने हाल ही में टेस्ट की गई अपनी सरमत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) को साल के अंत तक तैनात करने निर्देश दिया है। रूस के इस कदम से अमेरिका उसके निशाने पर आ गया है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मंगलवार को मिलिट्री एकेडमी ग्रेजुएट्स के साथ एक ऑनलाइन बैठक के दौरान यह बयान दिया है। पुतिन ने मारक मिसाइल की तैनाती की बात ऐसे समय पर की है, जब रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चार महीने पूरे होने वाले हैं। पुतिन ने रूस में विकसित आईसीबीएम का जिक्र करते हुए ग्रेजुएट्स से कहा कि ऐसी योजना है कि साल के अंत तक, ऐसा पहला कॉम्प्लेक्स कॉम्बैट ड्यूटी पर होगा। रूस की आईसीबीएम एकसाथ 10 से अधिक परमाणु युद्धक सामाग्री (न्यूक्लियर वारहेड) ले जाने में सक्षम है। रूस ने इस मिसाइल का परीक्षण अप्रैल में किया था, जिसने तमाम विशेषज्ञों सहित पश्चिम की चिंता को बढ़ा दिया था।
पुतिन ने कहा कि मिसाइल की तैनाती रूसी सेना के एक बड़े विकास का हिस्सा होगी। रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि सैनिकों को एस-500 एयर डिफेंस और मिसाइल डिफेंस सिस्टम पहले ही मिलने शुरू हो गए हैं जिनका दुनिया में कोई मिसाल नहीं है। रूस एस-500 के साथ अपने एयर डिफेंस सिस्टम में बड़े पैमाने पर सुधार कर रहा है जिसे कम समय में तैनात कर लंबी दूरी के विमानों, हाइपरसोनिक मिसाइलों और आईसीबीएम को रोका जा सकता है। पुतिन ने यूक्रेन में जंग लड़ रहे रूसी बलों की तारीफ करते हुए कहा कि वे असली हीरो की तरह साहस और जाबांजी का प्रदर्शन कर रहे हैं।
रूस की सरमत मिसाइल अमेरिका तक परमाणु हमला करने में सक्षम है। यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस ने महाशक्तिशाली परमाणु मिसाइल आरएस-28 सरमत का परीक्षण कर सभी को चौंका दिया था। इसकी कमान रूस की स्ट्रैटजिक रॉकेट फोर्सेज के हाथ में होती है। इस मिसाइल को रूसी कंपनी मेकयेव रॉकेट डिज़ाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। यह मिसाइल 2009 से अंडर ट्रायल है, इसे 2022 में ही रूसी सेना में कमीशन करने का प्लान है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल