संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक संवादताता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अगर जेलेंस्की रूस के साथ बातचीत को रोकने वाले अपने आदेश वापस लेगा तो क्या रूस यूक्रेनी सरकार से बात करेगा। जेलेंस्की दुनिया भर में सिर्फ पैसे और हथियार मांग रहे हैं।
रूस-यूक्रेन के खिलाफ खींचतान लगातार जारी है। दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने न्यूयॉर्क पहुंचे रूसी विदेश मंत्री ने टिप्पणी की। उन्होंने यूक्रेन के साथ-साथ अमेरिका पर भी खुले तौर पर हमला किया। उनका कहना है कि जेलेंस्की दुनिया भर में सिर्फ पैसा और हथियार ही मांग रहे हैं।
अमेरिका संघर्षों को बढ़ावा दे रहा है
लावरोव ने कहा कि यूक्रेन का समर्थन करने वाली सरकारें दुनिया को लोकतंत्र और निरंकुशता में विभाजित करने के प्रयासों में शामिल थीं। अमेरिका और उसके अधीनस्थ पश्चिमी समूह लगातार संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं। यह मानवता को विभाजित करता है। उनका कहना है कि आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विश्वास बहाली का समय आ गया है। रूसी सेना इसके लिए तैयार है और वह मदद करेगी।
मंत्रीस्तरीय बैठक के दौरान भी साधा था निशाना
एक दिन पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तीय बैठक में भी लावरेव आक्रमक थे। बैठक में सबसे पहले तो उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को धन्यवाद दिया। लावरोव का कहना था कि परिषद के कारण परमाणु आपदा से भरा एक नया विश्व युद्ध टल गया। अमेरिका पर हमला करते हुए उन्होंने कहा था कि शीत युद्ध की समाप्ति के कारण दुर्भाग्य से अमेरिका ने एकल नेतृत्व किया। अमेरिका ने अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को नजरअंदाज करता रहा। यूएसएसआर के पतन के बाद अमेरिका का यूक्रेन में हस्तक्षेप बढ़ गया। 2013 में न्यूलैंड में पश्चिम की ओर से कीव में यूक्रेनी राजनेताओं को तैयार करने पर पांच अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे।