रिपोर्ट के अनुसार, 40 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के ग्रेजुएट लोगों में बेरोजगारी की दर मात्र 1.6 फीसदी दर्ज की गई है। इसी उम्र के अनपढ़ वर्ग में यह दर 2.4 फीसदी है। 35 वर्ष और उससे अधिक आयु के ग्रेजुएट्स में बेरोजगारी दर पांच फीसदी से कम है।
कोविड-19 महामारी के बाद देश में रोजगार के अवसर बढ़े हैं, लेकिन इसके बावजूद 25 वर्ष से कम आयु के 42.3 फीसदी युवा स्नातक बेरोजगार हैं। यह जानकारी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की नई रिपोर्ट स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023 में दी गई है।सरकारी आंकड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट में एनएसओ के रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण, आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण, उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण और आर्थिक और जनसंख्या जनगणना जैसे आधिकारिक आंकड़ों के स्रोतों का उपयोग किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2019-20 के दौरान बेरोजगारी दर 8.8% थी, जो वित्तीय वर्ष 2021 में घटकर 7.5% और 2022-23 में 6.6 फीसदी रह गई है। इसके बावजूद हाल में कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने वाले और 25 वर्ष से कम उम्र के ग्रेजुएट युवाओं को नौकरी ढूंढने में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। 25 साल से कम आयु वर्ग के अनपढ़ युवाओं में बेरोजगारी की दर 13.5% दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा बेरोजगारी 25 से 29 वर्ष के ग्रेजुएट या उच्च योग्यता रखने वाले युवाओं में हैं। इनमें बेरोजगारी दर 22.8% दर्ज की गई है। इसके बाद उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त 25 वर्ष से कम उम्र के युवाओं बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है 21.4% दर्ज की गई है।
40 वर्ष या उससे ज्यादा की यह है स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, 40 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के ग्रेजुएट लोगों में बेरोजगारी की दर मात्र 1.6 फीसदी दर्ज की गई है। इसी उम्र के अनपढ़ वर्ग में यह दर 2.4 फीसदी है। 35 वर्ष और उससे अधिक आयु के ग्रेजुएट्स में बेरोजगारी दर पांच फीसदी से कम है। इससे संकेत मिलते हैं कि स्नातकों को औसतन 20 से 30 साल की उम्र के बीच में या 30-40 वर्ष की उम्र के शुरुआती दौर में नौकरी मिल जाती है। हालांकि, उन्हें कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके निकालने के तुरंत बाद नौकरी नहीं मिल पाती है। रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण प्रश्न सामने आया है कि क्या ये नौकरियां जो उन पढ़े लिखे युवकों को मिलती हैं वह उनके कौशल और आकांक्षाओं के अनुरूप हैं। रिपोर्ट के अनुसार यह महत्वपूर्ण विषय है। इस पर और शोध करने की जरूरत है।