राहुल ने कहा कि मैं अपने देश में एक विशेष विचारधारा का बचाव करता हूं, जो महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध और गुरु नानक की विचारधारा है। मैं इसके लिए लड़ता हूं। मैं नेता बनूं या न बनूं, यह बाद की बात है, लेकिन विचारधारा की लड़ाई जारी रखूंगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद सब कुछ बदल गया है। उन्होंने दावा किया कि भारत अब कमजोर होता लोकतंत्र है।
राहुल ने कब कही यह बात
राहुल गांधी ने हाल ही में यूरोप का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने ओस्लो विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ संवाद भी किया था। वे कई अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल हुए थे। ओस्लो विश्वविद्यालय का उनका वीडियो कांग्रेस ने गुरुवार को जारी किया।
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- कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत के बारे में बात करते समय समय पहली बात यह समझनी होगी कि 2014 तक भारत में लोकतंत्र एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले राजनीतिक दलों के समूह से संबंधित था। तटस्थ संस्थाएं, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, हर किसी के लिए मीडिया तक पहुंच और हर किसी के लिए वित्तीय संसाधनों तक पहुंच थी।
- उन्होंने दावा किया कि 2014 में सब कुछ पूरी तरह बदल गया। हम अब किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लड़ते। पूरा खेल बदल गया है। संस्थाएं आरएसएस से प्रभावित हैं। सीबीआई, ईडी और आयकर जैसी एजेंसियों को हथियार बनाया गया है। वे उन लोगों को निशाना बनाते हैं, जो भाजपा की विचारधारा का विरोध करते हैं। इसलिए अब हम किसी सामान्य राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में शामिल नहीं हैं।
- राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह सच है। हालांकि, मेरे लिए वह एक कमजोर होता लोकतंत्र है। अब आपको अपनी आवाज व्यक्त करने की अनुमति नहीं है। आपको यह कहने की अनुमति नहीं है कि आप कैसा महसूस करते हैं। अब वहां बड़ी संख्या में लोगों को अवसर नहीं दिए जाते।
विपक्षी गठबंधन को लेकर कही यह बात
राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सत्ता में आने पर भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को पुनः स्थापित किया जाएगा। हमारा गठबंधन विनिर्माण पर जोर देगा। हमारा गठजोड़ दलितों, आदिवासियों, अल्पंख्यकों और कमजोर तबकों को विकास की धारा के साथ जोड़ा जाएगा।
विचारधारा की लड़ाई जारी रखूंगा: राहुल
राहुल ने कहा कि मैं अपने देश में एक विशेष विचारधारा का बचाव करता हूं, जो महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध और गुरु नानक की विचारधारा है। मैं इसके लिए लड़ता हूं। मैं नेता बनूं या न बनूं, यह बाद की बात है, लेकिन विचारधारा की लड़ाई जारी रखूंगा।