एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि भले ही सरकारी भर्ती की प्रक्रिया में कुछ पारदर्शिता हासिल की गई है, लेकिन वित्तीय लेनदेन के भी आरोप हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकारी नौकरी देने के नाम पर भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो सरकार को इसे स्वीकार करना चाहिए और आश्वस्त करना चाहिए कि भविष्य में ऐसे घोटाले नहीं होंगे।
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्ष के सरकारी नौकरी में घोटाले के आरोपों पर मंगलवार को विधानसभा में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में सरकारी भर्ती में कोई घोटाला नहीं हुआ है। अगर कोई ऐसी अनियमितता का एक भी उदाहरण बता सके तो वह जांच का आदेश देने के लिए तैयार हैं। दरअसल, एआईयूडीएफ ने राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया था। जिसका जवाब देते हुए सरमा ने ये दावा किया। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में लगभग 87,000 नौकरियां दी गई हैं। वहीं, एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि हालांकि सरकारी भर्ती की प्रक्रिया में कुछ पारदर्शिता हासिल की गई है, लेकिन वित्तीय लेनदेन के भी आरोप हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकारी नौकरी देने के नाम पर भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो सरकार को इसे स्वीकार करना चाहिए और आश्वस्त करना चाहिए कि भविष्य में ऐसे घोटाले नहीं होंगे। इस बीच, कांग्रेस के कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने असम में कथित नौकरी के बदले नकदी घोटाले में कुछ भाजपा नेताओं की हालिया गिरफ्तारी का हवाला दिया।
असम सरकार ने 5 वर्षों में विमानों के किराए के रूप में 108 करोड़ रुपये से अधिक खर्चे
वहीं, विधानसभा में मंत्री रंजीत दास ने बताया कि असम सरकार ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों में हेलीकॉप्टरों और चार्टर्ड विमानों के किराये के रूप में 108 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। जिसमें से साल 2022-23 में सबसे अधिक 34,13,42,303 रुपये का भुगतान किया गया। इसी तरह साल 2020-21 में 25,05,70,036 रुपये और 2021-22 में 19,71,42,601 रुपये खर्च हुआ। इस तरह बीते पांच सालों में खर्च की गई कुल राशि 1,08,10,06,471 रुपये थी। उन्होंने कहा कि किराए के विमानों का इस्तेमाल 2022-23 में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए किया गया था।