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4 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले जोकोविच ने बनाए कई रिकॉर्ड, दोस्त कोबे को दी श्रद्धांजलि

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जोकोविच का यह साल का तीसरा ग्रैंड स्लैम रहा। साल में तीन ग्रैंड स्लैम जीतने की उपलब्धि उन्होंने चौथी बार हासिल की है। ऐसा टेनिस के इतिहास में किसी ने नहीं किया। यूएस ओपन जीतने के साथ इस साल उनका ग्रैंड स्लैम में जीत हार का रिकॉर्ड 27-1 हो गया है।

US Open: Djokovic, who won 24 Grand Slams, made many records, paid tribute to friend Kobe

सर्बिया के 36 वर्षीय नोवाक जोकोविच रविवार की रात निर्विवाद रूप से टेनिस के बेताज बादशाह बन गए। उन्होंने फाइनल में रूस के डेनियल मेदवेदेव को 6-3, 7-6 (5), 6-3 से हराकर यूएस ओपन का चौथा और कुल 24वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीता। 1968 से शुरू हुए ओपन दौर के बाद 24 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले वह दुनिया के इकलौते टेनिस खिलाड़ी हैं। यही नहीं ओपन दौर में वह ग्रैंड स्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गए। 24 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले वह पहले पुरुष खिलाड़ी भी बने। उन्होंने ग्रैंड स्लैम जीतने के मामले में सेरेना विलियम्स (23) को पीछे छोड़ दिया और ऑस्ट्रेलिया की मार्गरेट कोर्ट स्मिथ (24) की बराबरी कर ली। मार्गरेट ने भी 24 ग्रैंड स्लैम जीते हैं, लेकिन उन्होंने 13 ग्रैंड स्लैम ओपन दौर से पहले जीते थे।

वर्ष में तीन ग्रैंड स्लैम चौथी बार जीते
जोकोविच का यह साल का तीसरा ग्रैंड स्लैम रहा। साल में तीन ग्रैंड स्लैम जीतने की उपलब्धि उन्होंने चौथी बार हासिल की है। ऐसा टेनिस के इतिहास में किसी ने नहीं किया। यूएस ओपन जीतने के साथ इस साल उनका ग्रैंड स्लैम में जीत हार का रिकॉर्ड 27-1 हो गया है। उन्हें एकमात्र हार विंबलडन के फाइनल में स्पेन के कार्लोस अल्कारेज के हाथों मिली। यही नहीं इस जीत के साथ जोकोविच सोमवार को जारी होने वाली एटीपी रैंकिंग में नंबर एक की रैंकिंग पर विराजमान हो जाएंगे। जोकोविच कोरोना का टीकाकरण नहीं होने के चलते बीते वर्ष यूएस ओपन में नहीं खेल पाए थे।

हर तीसरा ग्रैंड स्लैम जीतने में सफल रहे
वर्ष 2005 में जोकोविच ने अपना पहला ग्रैंड स्लैम खेला था। 2008 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में फ्रांस के जो विल्फ्रेड सोंगा को हराकर उन्होंने अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीता। वह अब तक 72 ग्रैंड स्लैम जीत चुके हैं। इस लिहाज से उन्होंने अब तक हर तीसरा ग्रैंड स्लैम जीता है। जोकोविच पिछले 10 ग्रैंड स्लैम में से सात में जीत चुके हैं। 2021 के यूएस ओपन फाइनल में उन्हें मेदवेदेव के हाथों ही हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने उस हार का भी बदला लिया। मेदवेदेव का यह पांचवां ग्रैंड स्लैम फाइनल था, जिसमें उन्हें सिर्फ एक में ही जीत मिली है। दो ग्रैंड स्लैम फाइनल वह राफेल नडाल और दो ही जोकोविच के हाथों हारे हैं।

एक घंटा 44 मिनट चला दूसरा सेट
देखने को तो यह सीधे सेटों में जीत है, लेकिन यह बेहद संघर्षपूर्ण मुकाबला था। दूसरा सेट एक घंटा 44 मिनट चला। मेदवेदेव ने कहा भी कि उन्हें कभी इतना लंबा सेट नहीं खेला। कई मौकों पर 25 से 30 ग्राउंड स्ट्रोक की रैलियां चलीं। 32 शॉट की रैली पर मेदवेदेव कोर्ट पर लेट गए तो जोकोविच उन्हें उठाने पहुंचे। जोकोविच ने लंबी रैलियों की काट नेट पर आकर निकाली। उन्होंने सर्व एंड वॉली खेल भी खेला। वह 44 बार नेट पर आए और 37 अंक जीते। मेदवेदेव ने बाद में कहा कि वह 6-5 के स्कोर पर दूसरा सेट जीत सकते थे। वह जीत से सिर्फ एक अंक दूर थे, लेकिन वह मौके का फायदा नहीं उठा पाए।

24वें ग्रैंड स्लैम पर दोस्त कोबे को दी श्रद्धांजलि
24वां ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद जोकोविच 24 नंबर की नीले रंग की टी शर्ट पहनकर आए। उस पर महान बास्केटबाल खिलाड़ी अमेरिकी कोबे ब्रायंड और जोकोविच की फोटो के साथ मांबा फॉरएवर (मांबा हमेशा के लिए) लिखा। दरअसल जोकोविच की यह लॉस एंजिलस लेकर्स के लिए खेलने वाले महान ब्रायंट को श्रद्धांजलि थी, जिनका निधन 2020 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गया था। ब्रायंट भी 24 नंबर की जर्सी पहना करते थे। जोकोविच ने कहा कि एक सप्ताह पहले उन्होंने कोबे को इस तरह श्रद्धांजलि देने का सोचा था। कोबे उन्हें कई चीजों में सलाह दिया करते थे।

मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस तरह आपके सामने खड़े होकर 24वें ग्रैंड स्लैम की बात करूंगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह हकीकत बनेगा, लेकिन आखिरी दो सालों में मैंने महसूस किया कि मेरे पास इतिहास बनाने का अवसर है तो मैंने सोचा क्यों न इसे पाया जाए जब मेरे पास इसे हासिल करने का मौका है।-नोवाक जोकोविच

जोकोविच के ग्रैंड स्लैम
ऑस्ट्रेलियन ओपन-
10 (2008, 11, 12, 13, 15, 16, 19, 20, 21, 2023)
फ्रेंच ओपन-3 (2016, 21, 2023)
विंबलडन-7 (2011, 14, 15, 18, 19, 21, 2022)
यूएस ओपन-4 (2011, 15, 18, 2023)

मंजू और बरुन का गोल्डन पंच, भारत ने मुक्केबाजी में जीते दस पदक, हरियाणा की रानी का जलवा

हरियाणा की मुक्केबाज मंजू को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए टूर्नामेंट की ‘सर्वश्रेष्ठ महिला मुक्केबाज’ चुना गया। पुरुष 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में बरुन सिंह शागोलशेम ने पोलैंड के जाकुब स्लोमिंस्क को 3-0 से हराया।

Boxing: Golden punch of Manju and Barun, India won ten medals in boxing, Haryana's queen shines
मंजू रानी ने अफगानिस्तान की सादिया ब्रोमांद को फाइनल में 3-0 से हराकर रविवार को बोस्निया एवं हर्जेगोविना के साराजीवो में चल रहे 21वें मुस्तफा हाजरुलाहोविच स्मृति टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता। भारत ने प्रतियोगिता का अंत नौ स्वर्ण और एक रजत पदक के साथ किया।

हरियाणा की मुक्केबाज मंजू को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए टूर्नामेंट की ‘सर्वश्रेष्ठ महिला मुक्केबाज’ चुना गया। पुरुष 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में बरुन सिंह शागोलशेम ने पोलैंड के जाकुब स्लोमिंस्क को 3-0 से हराया जबकि पुरुष 57 किगा वर्ग में आकाश कुमार को कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद स्वीडन के हादी होडरस के खिलाफ 1-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी।

पुरुष 63 किग्रा वर्ग में मनीष कौशिक ने एकतरफा मुकाबले में फलस्तीन के मोहम्मद सऊद को 3-0 से हराया। भारत का दबदबा पुरुष 92 किग्रा वर्ग में भी जारी रहा जहां नवीन कुमार ने कड़े मुकाबले में पोलैंड के मातेयुज बेरेजनिकी को 2-1 से हराया। ज्योति, शशि, जिज्ञासा, विनाक्षी और सतीश कुमार को भी विजेता घोषित किया गया क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी फाइनल में नहीं उतरे।

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