राज्यपाल कलराज मिश्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मंगलवार को राजभवन में अधिकारियों और कर्मचारियों योग किया।
राज्यपाल मिश्र ने इस दौरान योग से जुड़े गतिशील और स्थिर आसन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी आदि प्राणायाम भी किए। उन्होंने कहा कि यौगिक दिनचर्या से जीवन को स्वस्थ रखने के साथ ही मन को भी सदा सकारात्मक बनााए रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि योग भारतीय संस्कृति है।
मिश्र ने बाद में योग साधना की भारतीय परम्परा की चर्चा करते हुए कहा कि प्राचीनकाल से ही योग व्यक्तिगत, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण से जुड़ी हमारी जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से योग की भारतीय संस्कृति का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसार ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भारतीय परम्परा का प्रमाण है।
राज्यपाल ने कहा कि योग करने से व्यक्तिगत चेतना का सार्वभौमिक चेतना से समन्वय होता है। इसी से जीवन में सभी स्तरों पर संतुलन बना रहता है। विश्व शांति और सद्भाव के लिए योग को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए इस महान परम्परा के वैश्विक संरक्षण और अधिकाधिक प्रसार के लिए समन्वित प्रयास किए जाने का आह्वान किया।