अमिताभ कांत ने कहा कि भारत ने सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सिद्धांतों के मुताबिक काम करने पर राजी किया। चार्टर के अनुसार, कोई देश बलपूर्वक या डरा-धमकाकर किसी देश की सीमा व संप्रभुता का उल्लंघन नहीं कर सकता। परमाणु हथियारों के प्रयोग की धमकी अस्वीकार्य है।
‘नई दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र’ (एनडीएलडी) पर आम सहमति भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। शुक्रवार शाम तक आम सहमति से घोषणापत्र असंभव लग रहा था, लेकिन भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत और उनकी टीम ने इसे संभव कर दिखाया। इस पर कांत ने कहा, पूरे जी-20 का सबसे जटिल हिस्सा भू-राजनीतिक पैरा (रूस-यूक्रेन) पर आम सहमति बनाना था। यह 200 घंटों की वार्ताओं, 300 द्विपक्षीय बैठकों, 15 मसौदों के बाद हासिल किया गया।
“जब हमने जी-20 की अध्यक्षता संभाली, तो पीएम मोदी ने कहा था कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख होनी चाहिए। नई दिल्ली घोषणा में कुल 83 पैराग्राफ हैं और सभी पर सभी देशों की 100 फीसदी सर्वसम्मति है। भू-राजनीतिक मुद्दों पर ‘ग्रह, लोग, शांति और समृद्धि’ शीर्षक वाले सभी आठाें पैराग्राफ पर 100 फीसदी सर्वसम्मति है। यह बिना किसी फुटनोट और बिना किसी अध्यक्षीय सारांश की घोषणा है। इसे 100 फीसदी सर्वसम्मति का बयान कहा जा सकता है।” -अमिताभ कांत
यूक्रेन संकट से जुड़े पैराग्राफ पर आम सहमति बनाने का जिम्मा काकनूर और गंभीर को मिला। वे सभी देशों के वार्ताकारों से अलग-अलग जाकर मिले। क्योंकि, एकसाथ अगर बात करते, तो कोई नहीं सुनता। इसी रणनीति के तहत दोनों सभी वार्ताकारों से अलग-अलग मिले और सबसे मुश्किल हिस्से पर सहमति हासिल की। चारों अधिकारियों ने ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वार्ताकारों को भी अपने साथ मिला लिया, क्योंकि उन्हें आगे चलकर इस प्रक्रिया से गुजरना है, लिहाजा सर्वसम्मति की प्रक्रिया में दो देश सहज ही भारत के साथ आ गए। पिछले अध्यक्ष इंडोनेशिया के वार्ताकारों के अनुभवों को भी गंभीरता से लिया गया।