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‘मैं राष्ट्रपति बना तो ट्रंप को माफ कर दूंगा’, भारतीय मूल के उम्मीदवार ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को घेरा

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रामास्वामी ने कहा कि मैं ऐसे व्यक्ति को वोट देना पसंद करूंगा, जो देश को आगे ले जाने में सक्षम हो। मुझे नहीं लगता कि जो बाइडन ऐसा कर सकते हैं और ना ही उनकी अन्य कठपुतलियां जैसे कमला हैरिस वगैरह।

अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने की रेस में शामिल रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी लगातार अपने बयानों से चर्चा में बने हुए हैं। पिछले महीने हुए पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में भी विवेक रामास्वामी छाए रहे और उसके बाद से उनकी लोकप्रियता में भी उछाल आया है। अब अपने एक बयान में विवेक रामास्वामी ने फिर कुछ ऐसा कह दिया है, जिसकी चर्चा हो रही है। दरअसल विवेक रामास्वामी का कहना है कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो वह डोनाल्ड ट्रंप को माफ कर देंगे।

‘डोनाल्ड ट्रंप को माफ कर दूंगा’
भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने एक टीवी शो के दौरान कहा कि ‘अगर डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनते हैं तो वह खुद उन्हें समर्थन देंगे। साथ ही अगर मैं राष्ट्रपति बनता हूं तो मैं उन्हें (ट्रंप) माफ कर दूंगा क्योंकि इससे देश को एकजुट रखने में मदद मिलेगी।’ बता दें कि ट्रंप कई मुकदमों का सामना कर रहे हैं। इनमें जॉर्जिया चुनाव में दखल देने, एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देने, कैपिटल हिल में हिंसा के लिए उकसाने और गोपनीय दस्तावेज लीक करने जैसे मामले शामिल हैं। रामास्वामी ने कहा कि ट्रंप के खिलाफ चल रहे मामले राजनीति से प्रेरित हैं।

कमला हैरिस को बताया कठपुतली
बता दें कि विवेक रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों में अकेले ऐसे उम्मीदवार हैं, जो खुलकर ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं। रामास्वामी ने कहा कि मैं ऐसे व्यक्ति को वोट देना पसंद करूंगा, जो देश को आगे ले जाने में सक्षम हो। मुझे नहीं लगता कि जो बाइडन ऐसा कर सकते हैं और ना ही उनकी अन्य कठपुतलियां जैसे कमला हैरिस वगैरह। रामास्वामी ने ये भी कहा कि उनके रिपब्लिकन पार्टी के अन्य उम्मीदवारों से मतभेद हो सकते हैं लेकिन उनका ऐसा मानना है कि वो भी बाइडन और हैरिस से बेहतर तरीके से अमेरिका को तरक्की के रास्ते पर ले जा सकते हैं।

ताइवान पर अमेरिकी नीति की आलोचना की
विवेक रामास्वामी ने ताइवान को लेकर अमेरिका की नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अमेरिका, ताइवान को लेकर जो नीति अपनाता है, वह ताइवान को देश के रूप में मान्यता देने में असफल रहा है। साथ ही अमेरिकी नीति में रणनीति अस्पष्टता है और यह साफ नहीं है कि अगर चीन, ताइवान पर हमला करता है तो क्या अमेरिका उसकी रक्षा करेगा या नहीं। रामास्वामी ने कहा कि यह अमेरिका के हित में है कि चीन वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन पर चीन का नियंत्रण ना होने दे। विवेक रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका वन चाइना नीति का समर्थन करता है, जिसके आधार पर वह ताइवान को एक देश के तौर पर मान्यता नहीं देता।

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