रंजन चौधरी ने कहा कि 31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को पीएम के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। उन्होंने मुझे बताया कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं।
केंद्र सरकार ने शनिवार को देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना की जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था। इसमें जिन आठ लोगों को रखा गया था उनमें कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का नाम भी शामिल था। हालांकि, चौधरी ने समिति का हिस्सा बनने से मना कर दिया है। अब उन्होंने इस बारे में पत्रकारों से बात की। कहा कि मुझसे किसी मंत्री ने नहीं, बल्कि एक अधिकारी ने समिति में शामिल होने के लिए पूछा था।
प्रधान सचिव मिश्रा का आया फोन
उन्होंने कहा कि 31 अगस्त को रात 11 बजे मेरे कार्यालय सचिव को पीएम के प्रधान सचिव मिश्रा का फोन आया। उन्होंने मुझे बताया कि सरकार एक समिति बनाने जा रही है और वे मुझे समिति में शामिल करना चाहते हैं। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे।
थोड़ी खुशी भी हुई
उन्होंने बताया कि मैंने मिश्रा से कहा कि आपने इतनी रात में फोन किया तो मुझे आश्चर्य हुआ, लेकिन थोड़ी खुशी भी हुई। रात हुई तो क्या आपने बात तो की। मैंने पीएम से कई बार बात करने की कोशिश की, लेकिन नहीं हुई। कम से कम आपने बात तो की अच्छा लगा।
चौधरी ने कहा कि जब मुझे समिति के बारे में पता चला तो मैंने उनसे ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से संबंधित सभी कागजात भेजने के लिए कहा। उनसे कहा कि कागजात देखने के बाद मैं अपने निर्णय के बारे में बताऊंगा। रंजन चौधरी ने कहा कि एक अधिकारी से मैं बिना कागजात के हवा में क्या बात करता। उन्होंने कहा कि मुझसे किसी मंत्री ने नहीं पूछा बल्कि मुझसे बात करने के लिए एक बाबू को भेजा और वो भी रात 11 बजे के बाद।